भू-सर्वेक्षण के दौरान सरकारी जमीन को चिह्नित कर भेजी जायेगी रिपोर्ट
भू-सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो गया है. हर पंचायत में कैंप लगाकर रैयतों को संबंधित जानकारी दी जा रही है. रैयत भी अपने कागजात को दुरुस्त कराने में जुट गये हैं. इधर, सरकारी जमीन को लेकर भी विभाग सख्त है. जो लोग सरकारी जमीन को अपनी निजी संपत्ति समझकर कब्जा किये हुए हैं, सर्वे के बाद उनकी परेशानी भी बढ़ सकती है.
पंचदेवरी. भू-सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो गया है. हर पंचायत में कैंप लगाकर रैयतों को संबंधित जानकारी दी जा रही है. रैयत भी अपने कागजात को दुरुस्त कराने में जुट गये हैं. इधर, सरकारी जमीन को लेकर भी विभाग सख्त है. जो लोग सरकारी जमीन को अपनी निजी संपत्ति समझकर कब्जा किये हुए हैं, सर्वे के बाद उनकी परेशानी भी बढ़ सकती है. विभाग ने सभी गांवों में सरकारी जमीनों को चिह्नित कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी देव त्रिपाठी ने बताया कि सरकारी जमीन पर यदि किसी का कब्जा है, तो उसे संबंधित वैध कागजात दिखाने पड़ेंगे. यदि कब्जा करने वाले व्यक्ति द्वारा वैध कागजात नहीं दिखाये जाते हैं, तो खाता- खेसरा नंबर के साथ उस सरकारी जमीन की रिपोर्ट विभाग को भेजी जायेगी. यदि कोई फर्जी कागजात दिखकार गुमराह करने की कोशिश करता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी. सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी ने बताया कि प्रत्येक गांव में कौन- कौन खाता-खेसरा नंबर सरकारी जमीन का है, उसकी पूरी रिपोर्ट अंचल कार्यालय व विभाग के वरीय पदाधिकारियों को भेजने का निर्देश विभाग द्वारा दिया गया है. विभाग के निर्देशानुसार आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सीओ सभी सरकारी जमीन की जांच करेंगे. सभी पंचायतों में सरकारी जमीनों की पैमाइश करायी जायेगी. अभी तक अधिकतर ऐसा ही होता आया है कि विवाद या अतिक्रमण का मामला सामने आने पर ही संबंधित सरकारी जमीन को खाली कराया जाता था, या अन्य विभागीय कार्रवाई की जाती थी. लेकिन, विभाग के निर्देशानुसार अब गांवों में सरकारी जमीन से संबंधित हर रिपोर्ट सर्वे टीम तैयार करेगी. कहां-कहां सरकारी जमीन है, इसका पूरा ब्योरा अंचल कार्यालय में मौजूद रहेगा. आवश्यकता के अनुसार सरकार उस जमीन का उपयोग करेगी. जिस सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा होगा, उसे अतिक्रमणमुक्त कराया जायेगा. सर्वेक्षण टीम के पदाधिकारियों के अनुसार सरकारी जमीन के साथ-साथ रैयती जमीन की भी पूरी रिपोर्ट तैयार की जायेगी. रैयती जमीन में जो बंटवारा हुआ है या जो खरीद-बिक्री हुई है, उसके आधार पर रैयतों का खतियान तैयार किया जायेगा. इसके लिए वंशावली अति आवश्यक है. विभाग के पदाधिकारियों द्वारा रैयतों को निर्देशित किया गया है कि वे वंशावली तैयार करा लें. वहीं हथुआ एसडीएम अभिषेक कुमार चंदन ने कहा कि भू-सर्वेक्षण के दौरान सरकारी जमीन की भी पूरी रिपोर्ट तैयार की जायेगी. इसके लिए संबंधित स्थानीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया है. सरकारी जमीन की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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