गंडक नदी से आयी बाढ़ से टूटा दूल्हे का सपना, नाव से निकली बरात
शादी करने का उमंग अलग ही होता है. जब दूल्हे सज-धज लेते हैं, तो बरात निकालने के लिए हाथी या घोड़ा या कोई कार पर सवार होते है, लेकिन एक ऐसा दूल्हा दिखा जिनके सपने टूटे और घर से सज-धज कर नाव की सवारी करनी पड़ी.
मांझा. शादी करने का उमंग अलग ही होता है. जब दूल्हे सज-धज लेते हैं, तो बरात निकालने के लिए हाथी या घोड़ा या कोई कार पर सवार होते है, लेकिन एक ऐसा दूल्हा दिखा जिनके सपने टूटे और घर से सज-धज कर नाव की सवारी करनी पड़ी. यहां तक कि बरातियों को भी बारी-बारी से नाव पर सवार होकर ऊंचे स्थान पर आनी पड़ी, जहां से वाहन पर सवार होकर जाना पड़ा. मामला मांझा थाने की निमुइया पंचायत के भृगुन राउत टोला गांव की है. यहां तीन दिन पूर्व से गंडक नदी में आयी बाढ़ के पानी से निमुइया पंचायत पूर्ण रूप से प्रभावित हो चुका है. नतीजतन, इस गांव के विकास यादव सजधज कर दूल्हे बने, जिन्हें दो किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए नाव की सवारी करनी पड़ी. जब नाव से उतरने के लिए तैयार हुए तो कैमरा देखते ही शर्मा गये और अपने चेहरे को छिपा तेजी से भाग की खड़ी कार में छिप गये. उनकी शादी पूर्वी चंपारण के मलाही गांव के सत्येंद्र यादव की पुत्री से हुई, जहां बरात लेकर गये. शायद दूल्हे विकास यादव को ये भी अंदाजा नहीं होगा कि बरात लेकर शादी रचाने जाने के समय बाढ़ के प्रभाव से घिर जायेंगे. इनकी बननेवाली दुल्हन सोनी की भी विदाई के बाद घर पहुंचने के लिए दूल्हे के साथ नाव की सवारी करनी पड़ेगी. निमुइया के सरपंच चंद्रिका यादव ने कहा कि दूल्हा विकास यादव की शादी है. इनकी बरात लेकर पूर्वी चंपारण के मलाही गांव जा रहे हैं. मलाही गांव के सत्येंद्र यादव के पुत्री के साथ शादी होगी. अचानक बाढ़ के पानी आ जाने के कारण घर भीरगुन राउत टोला से गौसिया तक नाव की सवारी करनी पड़ी है. क्योंकि नाव छोड़कर दूसरा कोई आने जाने का साधन नही है. नाव से बरात ले जाना अच्छा तो नही लग रहा, पर मजबूरी है. उन्होंने कहा कि बरात की विदाई कराकर लौटने पर दुल्हन भी नाव से ही घर जायेगी.
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