गोपालगंज. नेपाल में पिछले 36 घंटे में हो रही बारिश से गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. उधर, जल संसाधन विभाग की ओर से 3.5 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने का अलर्ट जारी किया गया है. नेपाल में 109 एमएम बारिश होने से बाढ़ का खतरा है. गंडक नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ने के कारण जिला प्रशासन की ओर से निचले इलाके के लोगों को तत्काल सुरक्षित व ऊंचे स्थलों पर जाने की अपील की गयी है. डीएम मो मकसूद आलम ने लोगों से अपील की है कि वे अपने परिवार व पशुधन को सुरक्षित स्थल पर पहुंचा दें. साथ ही जलसंसाधन विभाग के अभियंताओं को हाइअलर्ट मोड में रहने का आदेश दिया गया है. जिले के कुचायकोट, सदर मांझा, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर प्रखंड के 43 गांव नदी के जल ग्रहण इलाके में हैं. यहां की लगभग 85 हजार से अधिक की आबादी पर सर्वाधिक खतरा है. वैसे तो जिले के 189 गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. उधर, तटबंधों पर दबाव को देखते हुए विभाग के इंजीनियर भी मुस्तैद हैं. तटबंधों पर जहां भी नदी का सीधा अटैक है, वहां बचाव सामग्री को सुरक्षित करने के लिए कहा गया है. मालूम हो कि सदर प्रखंड के कटघटरवां, हीरापाकड़, मेहंदियां, रामपुर टेंगराही, बरइपट्टी, पतहरा, सेमराही, निरंजना, धूप सागर, धर्मपुर, भगवानपुर, रामनगर, मकसुदपुर, कुचायकोट में सिपाया टोला वार्ड नं 7, भसही, मांझा प्रखंड के निमुइया,माघी, मगुरहां, भैंसही एवं पुरैना सिधवलिया के बंजरिया समेत जिले के 43 गांवों सर्वाधिक खतरा वाला इलाका है. वहीं गंडक नदी में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए 24 घंटे निगरानी को बढ़ा दिया गया है. कालामटिहनिया, पतहरा, बंगरा में कैंप कार्यालयों में अभियंताओं को मुस्तैद कर दिया गया है. उधर, कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार पतहरा से लेकर बंगरा घाट तक निगरानी में जुटे रहे. वहीं दूसरी ओर छाड़ी नदी का पुल क्षतिग्रस्त होने के कारण सीवान प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता बृजेश कुमार, सहायक अभियंता नेहा रानी को निलंबित कर दिया गया है. निलंबन की अवधि में मुख्य अभियंता का कार्यालय गया रहेगा. सरकार के उपसचिव ने आदेश जारी किया. बरौली के परिक्षेत्र के जलपुरवां में पुलिया क्षतिग्रस्त होने पर कार्रवाई होने की बात कही जा रही है.
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