बालू भरे ट्रक जब्त करने के मामले में हाइकोर्ट ने कड़ा किया रुख, डीएम से मांगा हलफनामा

मीरगंज थाने के सबेया पुलिस पिकेट पर बगैर प्राथमिकी के जब्त कर बालू भरे ट्रक को रखे जाने में मंगलवार को दूसरे दिन भी पटना हाइकोर्ट में न्यायमूर्ति संदीप कुमार के पीठ ने गंभीरता से लिया.

By Prabhat Khabar News Desk | April 23, 2024 9:56 PM

गोपालगंज. मीरगंज थाने के सबेया पुलिस पिकेट पर बगैर प्राथमिकी के जब्त कर बालू भरे ट्रक को रखे जाने में मंगलवार को दूसरे दिन भी पटना हाइकोर्ट में न्यायमूर्ति संदीप कुमार के पीठ ने गंभीरता से लिया. पीड़ित की तरफ से अधिवक्ता रंजीत कुमार पांडेय, राजेश कुमार ने कोर्ट को बताया कि 27 दिसंबर से ट्रक को जब्त कर मीरगंज थाने के सबेया पिकेट में रखा गया है. रिश्वत के लिए ट्रक मालिक का इंतजार किया जाता है. ट्रक मालिक को कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही कोई जुर्माना किया गया. इस पर खनन विभाग की ओर से स्टैंडिंग काउंसिल वन एमएच खान, अधिवक्ता नरेश दीक्षित की ओर से कोर्ट को बताया गया कि खनन विभाग ने ट्रक को जब्त करने के बाद डीएम को रिपोर्ट भेज दी थी. डीएम के स्तर से इस मामले में कार्रवाई नहीं की गयी है. खनन विभाग को कोर्ट ने कहा कि आप जो बोल रहे उसे रिटेन में दे. डीएम को व्यक्तिगत तौर पर हलफनामा देने का आदेश दिया. डीएम के पक्ष को सुनने के लिए पुन: 30 अप्रैल को तिथि का निर्धारण किया गया है. पीड़ित ट्रक मालिक के अधिवक्ता रंजीत पांडेय ने बताया कि कोर्ट को जब बताया कि ट्रक जब्त होने के बाद उसका चारों चक्के, बैट्री, तार की चोरी कर ली गयी है. ट्रक में पुराना टायर लगा दिया गया है. इसपर कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए ऑनलाइन सुनवाई में शामिल मीरगंज थानाध्यक्ष किशोरी चाैधरी से पूछा कि पुलिस की कस्टडी में कैसे टायर व बैट्री चोरी हो गयी. थानेदार ने कहा कि हुजूर जब ट्रक पकड़ा गया, तो उस समय हम नहीं थे. काेर्ट ने कहा दोषी पर कार्रवाई करें. मामले की सुनवाई अभी जारी थी. इधर, मीरगंज थाना में कांड संख्या- 164/24 दर्ज कर खनन पदाधिकारी के द्वारा निरुद्ध ट्रक को रोके जाने व तत्कालीन थानाध्यक्ष विशाल आनंद के द्वारा चोरी में कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए कांड दर्ज कर लिया गया है. हाइकोर्ट ने कहा कि 30 अप्रैल को पुलिस की तरफ से कौन-सी कार्रवाई की गयी, इसका रिपोर्ट उपलब्ध कराएं. सीजेएम मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद एक मार्च को मीरगंज के थानेदार किशोरी चौधरी कोर्ट में उपस्थित हुए. थानेदार ने कोर्ट से कहा कि मीरगंज थाने में इसी माह योगदान किया. जब न्यायालय से आदेश अखबारों में पढ़ा, तो थाना अभिलेख का अवलोकन किया, ट्रक की जब्ती के संबंध में किसी भी प्रकार का कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हैं. फिर खनन विभाग जाकर जिला खनन पदाधिकारी से मिला उन्होंने कहा कि मेरे निर्देश पर ही गाड़ी जब्त हुई थी, मालिक को बोलिए कि कार्यालय में आकर अकेले में मुझसे मिले. तब बतायेंगे जुर्माना अदा करने को बताउंगा. इसपर कोर्ट ने कड़ा एतराज जताया था.

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