हथुआ. हिंदी के प्रसिद्ध लेखक एवं राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि हरिवंश राय बच्चन की पत्नी अमिताभ बच्चन की मां श्यामा का इलाज 1936 में अनुमंडलीय अस्पताल में हुआ था. बताया जाता है कि टीवी से पीड़ित श्यामा का इलाज पीएमसीएच में कराने के लिए लाया गया. पीएमसीएच पहुंचते ही बताया गया कि प्रख्यात चिकित्सक हथुआ अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके बाद श्री बच्चन अपनी पत्नी के साथ हथुआ चले आये. वहां लंबे समय तक उनका इलाज हथुआ में चला. इसके बाद उनकी बीमारी ठीक हो गयी. 1955 में बेहतर डॉ एवं कर्मचारियों के साथ हथुआ अस्पताल में सर्वोत्तम सुविधाएं दी जाती थीं. इससे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही थी. चार नियमित डॉ कार्यरत थे. इसमें एक डिप्टी असिस्टेंट रैंक की महिला थी. इसके अलावा चार नर्स तथा तीन कंपाउंडर तथा दो ड्रेसर थे. अस्पताल की इतिहास पर गौर करें, तो 1952 में अस्पताल मेंं कुल 2012 मरीजों का इलाज हुआ. वहीं 1953 में 1661 तथा 1954 में 1526 मरीज, 1955 में 1578 मरीज, 1956 में 1501 मरीजों का इलाज किया गया. वहीं ओपीडी की बात करें, तो 1952 में 31 हजार 614 मरीजों का इलाज किया गया. जबकि 1953 में 29 हजार 627 मरीजों तथा 1954 में 25 हजार 525 मरीज, 1955 में 22 हजार 244 मरीजों और 1956 में 20 हजार 917 मरीजों का इलाज किया गया. हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में 4000 वर्गफुट में मॉडल अस्पताल बनाया जायेगा. इसका स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय शिलान्यास कर सकते हैं. चार मंजिले मॉडल अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. वहीं पुराने लेबर वार्ड सहित प्रशासनिक कार्यालय के भवन को तोड़ कर मॉडल अस्पताल बनाने का कवायद शुरू होगा. 29 करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से इमारत बनायी जायेगी. 1896 ई में स्थापित विक्टोरिया अस्पताल में कुल 160 बेड थे. इसमें पुरुष व महिला के लिए 80-80 बेडों का प्रावधान किया गया था.
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