गोपालगंज. ब्रिटिश काल से चल रहे कई कानून एक जुलाई 2024 से देश भर में बदल जायेंगे. कई धाराओं को भी बदल दिया गया है. केंद्र सरकार विशेष रूप से तीन नये कानून का लागू करेगी. पुलिस अधिकारियों को नये कानून की जानकारी देने पहले चरण में तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है. हालांकि यह ट्रेनिंग 15 तक चलेगी. वहीं अंतिम राउंड में 18 से 20 तक किया जायेगा. पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने साेमवार को शिविर का उद्घाटन किया. इसके बाद एसपी ने सिविल के पुराने और नये कानूनों के अंतर तथा जोड़े गये धाराओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत 170 धाराएं होगी. जबकि अभी तक इसमें 166 धाराएं हैं. मुकदमे के सबूत को कैसे साबित किया जायेगा. बयान कैसे दर्ज होंगे. यह सब भारतीय साक्ष्य अधिनियम के 170 धाराओं के तहत ही होगा. इसके बाद प्रशिक्षक के रूप में आये कानून विशेषज्ञों ने बताया कि नए कानून लाने में 24 धाराओं में बदलाव किया गया है और दो नयी धाराएं भी साक्ष्य अधिनियम में जोड़ी गयी हैं. पुरानी छह धाराओं धाराओं को समाप्त कर दिया गया है. आतंकवाद , मॉब लिंचिंग, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अपराधों के सजा को और सख्त बनाया गया है. नये कानून में 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा के प्रावधान को भी शामिल किया गया है. छात्र के अपराधों में कम्युनिटी सर्विस की सजा का प्रावधान भी किया गया है. नये कानून में केस का निबटारा के लिए टाइमलाइन होगी. इसमें फॉरेंसिक साइंस के इस्तेमाल का भी प्रावधान होगा. एसपी ने बताया कि शिविर के बचे दो दिनों में धाराओं के परिवर्तन के बारे में और भी गहराई से जानकारी दी जायेगी. इसके लिए विशेष रूप से बाहर से कानून के विशेषज्ञ बुलाये गये हैं, जो तीन दिनों तक प्रशिक्षण देंगे.
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