कैमुना क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने करोड़ों रुपये डकारे, चार अलग-अलग एफआइआर दर्ज

कैमुना क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लोगों से पैसा जमा कराने के बाद करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गयी. वहीं, पुलिस ने अब इस कंपनी के अधिकारियों और कर्मियों पर एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2024 10:22 PM

गोपालगंज. कैमुना क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लोगों से पैसा जमा कराने के बाद करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गयी. वहीं, पुलिस ने अब इस कंपनी के अधिकारियों और कर्मियों पर एफआइआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. एसपी स्वर्ण प्रभात ने मंगलवार को पीड़ित ग्राहकों की शिकायत पर अलग-अलग चार थानों में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिये हैं. वहीं, इसकी जांच और गिरफ्तारी के लिए एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआइटी गठित की गयी है. दरअसल नॉन बैकिंग कंपनी के फ्रॉड के शिकार हुए लोगों ने मंगलवार को पुलिस अधीक्षक के जनता दरबार में गुहार लगायी. पीड़ित मो. फिरोज अली, मकबूल मियां, मुन्ना सहनी, रामचंद्र सहनी, हरिलाल सहनी, शंभू सहनी, पारसनाथ साह आदि ने जनता दरबार में पहुंचकर नॉन बैकिंग कंपनी कैमुना क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा पैसा जमा कराने और कंपनी के भाग जाने की शिकायत की. कंपनी के फ्राॅड के शिकार हुए लोगों ने कहा कि 2012 में यह कंपनी खुली थी, उस समय कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदीप पांडेय, फुलवरिया थाने के बंशी बतरहा के कैशियर शौकत अली, बरौली शाखा के ब्रांच मैनेजर संजू राम, प्रदीप कुमार पटेल द्वारा 2012 से 2021 तक के लिए पैसा जमा कराया गया. किसी ने लोन लेने के लिए फिक्स डिपॉजिट किया, तो किसी ने बेटी व बहन की शादी के लिए पैसा डबल होने के लिए फिक्स कर बांड पेपर लिया. कंपनी की ओर से पैसा वापस करने का समय आया, तो उसके सभी कार्यालय 2021 में बंद हो गये और कंपनी फरार हो गयी. इधर, 2023 से 2024 के बीच पैसा देने का आश्वासन कंपनी में काम करनेवाले क्षेत्रीय प्रबंधक और ब्रांच मैनेजर द्वारा दिया गया, लेकिन किसी भी खाताधारक को पैसा नहीं मिला. ऐसे में पीड़ित खाताधारक परेशान हैं और अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा कैमुना क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में जमा कर कंगाल हो चुके हैं. वहीं इस संबंध में एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि कैमुना क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के विरुद्ध जनता दरबार में शिकायतें आयीं. फ्रॉड के शिकार हुए खाताधारकों के आवेदन पर एफआइआर करने के लिए थानों को निर्देश दिया गया है. जांच और कार्रवाई के लिए एसडीपीओ के नेतृत्व में एसआइटी बनी है, कार्रवाई की जा रही है.

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