लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के मोबाइल से डाटा लेकर दिल्ली लौटी एनआइए, जांच में खुलेगा राज
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरफ्तार तीन गुर्गों ने बिहार पहुंचते ही अपने मोबाइल डाटा को उड़ा दिया था. सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस की पूछताछ में इसका खुलासा हुआ. वहीं, दिल्ली से पहुंची एनआइए ने डाटा को डी-कोड करने के लिए पेन ड्राइव में रिकवर किया और उसे दिल्ली लेकर चली गयी. एनआइ की जांच में लॉरेंस बिश्नोई और झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू से जुड़े कई राज खुलने की संभावना है.
गोपालगंज. गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरफ्तार तीन गुर्गों ने बिहार पहुंचते ही अपने मोबाइल डाटा को उड़ा दिया था. सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस की पूछताछ में इसका खुलासा हुआ. वहीं, दिल्ली से पहुंची एनआइए ने डाटा को डी-कोड करने के लिए पेन ड्राइव में रिकवर किया और उसे दिल्ली लेकर चली गयी. एनआइ की जांच में लॉरेंस बिश्नोई और झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू से जुड़े कई राज खुलने की संभावना है. वहीं, रिमांड अवधि पूरा होने पर तीनों गुर्गों को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया. राजस्थान और झारखंड के साथ यूपी से पहुंची एटीएस ने भी जांच की. एटीएस की जांच में कई तथ्य सामने आये. झारखंड में हाल ही में हुए इंजीनियर के मर्डर, फायरिंग समेत कई केस की गुत्थी सुलझाने के लिए एटीएस ने पूछताछ की है. वहीं, मुजफ्फरपुर में हथियार इसके पहले किनको सप्लाइ की गयी, इसके बारे में भी बिहार एटीएस को कई साक्ष्य मिले. एटीएस और एनआइए ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से कई बिंदुओं पर जांच की है. हालांकि मलयेशिया में बैठे राजस्थान के कुख्यात मयंक सिंह उर्फ मीणा के बारे में कोई ठोस सुराग नहीं मिला. बता दें कि 22 जुलाई को यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट पर कुचायकोट थाने की पुलिस ने नागालैंड नंबर की एक बस से दो अपराधियों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से ऑस्ट्रिया निर्मित चार ग्लोक पिस्टल, आठ मैगजीन बरामद किया गया था. गिरफ्तार हथियार तस्करों में मुजफ्फरपुर के गायघाट थाना क्षेत्र के बोवारी गांव निवासी संतनु शिवम और राजस्थान के अजमेर जिले के कमल राव शामिल था. इन तस्करों से पूछताछ के बाद पुलिस ने एसटीएफ की मदद से तीसरे गुर्गे राजस्थान के अजमेर जिले के मांगलीयावास थाना क्षेत्र के केसरपुर निवासी नारायण सिंह के पुत्र दिनेश सिंह रावत को 24 जुलाई को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में गिरफ्तार गुर्गों ने लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करने और झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू तक हथियार पहुंचाने की बात सामने आयी थी. मलयेशिया में बैठे सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह ने एसएमएस भेजकर इसकी जानकारी दी थी कि हथियार अमन साहू गैंग के लिए मंगाया गया है. गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, झारखंड के जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू का नाम जुड़ने के बाद बिहार में साम्राज्य बढ़ाने में तिहाड़ जेल में बंद सीतामढ़ी का गैंगस्टर विकास झा उर्फ कालिया का भी नाम आने लगा है. हालांकि इसकी जांच सुरक्षा एजेंसियां और पुलिस कर रही है. लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे मोतिहारी और मुजफ्फरपुर में किसी बड़ी घटना को अंजाम देनेवाले थे. इनके निशाने पर कई लोग थे. बिहार पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई के तीन गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा किया था. एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि जब्त किये गये ऑस्ट्रिया निर्मित विदेशी पिस्टल से बड़ी घटना को अंजाम देना था. लेकिन, इसका खुलासा नहीं हो सका कि वे कौन लोग हैं, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर थे. पुलिस के सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की पूछताछ में लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों ने कई अहम खुलासा किये हैं. बिहार पुलिस और एटीएस के अलावा चार राज्यों से पहुंची एटीएस की टीम ने इन सभी गुर्गों को अलग-अलग करके पूछताछ की है. पुलिस सूत्रों की माने तो उनकी पहचान हो चुकी है, जिनके लिए विदेशी हथियार तस्करी कर लाया गया था. साथ मुजफ्फरपुर और मोतिहारी में कौन लोग इन गुर्गों के निशाने पर थे, इसके बारे में भी बड़ा खुलासा हुआ है. हालांकि सुरक्षा एजेंसियां और बिहार पुलिस उन लोगों की पहचान को उजागर नहीं कर रही, जो इनके निशाने पर थे.
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