करोड़ों की चरस बरामदगी में माफियाओं का नहीं मिला कोई सुराग, केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने किया संपर्क
यूपी-बिहार के बलथरी चेकपाेस्ट से करोड़ों की चरस बरामदगी के मामले में दिल्ली और मोतिहारी के इलाके में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम को सुराग नहीं मिल सका.
गोपालगंज. यूपी-बिहार के बलथरी चेकपाेस्ट से करोड़ों की चरस बरामदगी के मामले में दिल्ली और मोतिहारी के इलाके में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम को सुराग नहीं मिल सका. चरस माफियाओं का सुराग नहीं मिलने पर पुलिस टीम के हाथ खाली हैं. वहीं, पुलिस ने केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो को इसकी सूचना दी है, इसके बाद केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने एफआइआर और जब्त चरस के मामले जानकारी ली है. पुलिस का कहना है कि केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो चरस बरामदगी के केस की स्टडी कर रही है. जांच के लिए टीम गोपालगंज भी पहुंचेगी. पुलिस सूत्रों की मानें तो नेपाल से चरस की खेप पहुंची थी, जिसके बाद मोतिहारी में कार में लोड किया गया था. कार से तस्करी कर दिल्ली लेकर जाने की तैयारी थी, लेकिन पुलिस ने इससे पहले गिरफ्तार कर लिया. कार में गुप्त तहखाना बनाने के लिए मोतिहारी में मोडिफाइ किया गया था. पुलिस टीम माेतिहारी से लेकर दिल्ली तक कनेक्शन की जांच कर छापेमारी में जुटी हुई है. मालूम हो कि कुचायकोट थाने की पुलिस ने यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट पर बीते तीन अगस्त को स्विफ्ट डिजायर कार के गुप्त तहखाने से 139 पैकेट में कुल 71 किलोग्राम चरस जब्त की थी. चरस को नेपाल से दिल्ली ले जाया जा रहा था. पुलिस ने वाहन जांच के दौरान कार को जब्त कर दोनों तस्करों को गिरफ्तार किया था. इसमें पूर्वी चंपारण के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पतौरा निवासी सुदीश कुमार और पूर्वी चंपारण के पताही थाना क्षेत्र के परसौनी निवासी मंदीप कुमार शामिल थे. इनसे पूछताछ करने के बाद पुलिस ने फरार तस्करों की गिरफ्तारी के लिए टीम बनायी थी.
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