दोहरे हत्याकांड में साक्षियों के खिलाफ गैरजमानतीय वारंट जारी
चर्चित ब्रजेश राय व अशोक राय की दोहरे हत्याकांड का ट्रायल शुरू हो गया है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट ने आठ वर्षों से गवाहों के साक्ष्य के लिए कोर्ट में नहीं आने पर कड़ी नाराजगी जतायी.
गोपालगंज. चर्चित ब्रजेश राय व अशोक राय की दोहरे हत्याकांड का ट्रायल शुरू हो गया है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट ने आठ वर्षों से गवाहों के साक्ष्य के लिए कोर्ट में नहीं आने पर कड़ी नाराजगी जतायी. 12 अप्रैल 2016 से गवाहों का इंतजार चला आ रहा है. कोर्ट ने सभी साक्षियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से गैर जमानतीय वारंट जारी करते हुए पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात को निर्देश दिया कि साक्षियों को कोर्ट में प्रस्तुत कराएं, जिससे केस का ट्रायल पूरा हो सके. कोर्ट के कड़े रुख से इस कांड में गवाह सदर अस्पताल के डॉक्टर शशि कुमार गुप्ता, डॉ रमेश राम, नगर थाने के पुलिस इंस्पेक्टर रहे ददन सिंह की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. उनके अलावा कांड के सूचक ब्रजेश राय के भाई चश्मदीद बाबू विशुनपुर के अजीत राय, ललन राय, विजय राय, मृतक ब्रजेश राय की पत्नी प्रतिभा राय, चांदनी देवी, विभा देवी, रामपुर टेंगराही के रामेश्वर राय, बिहारी ठाकुर,अंबिका प्रसाद यादव, साधु चौक के छोटेलाल प्रसाद की गवाही के लिए कोर्ट का इंतजार था, अब गैर जमानतीय वारंट जारी हुआ है. कोर्ट का आदेश जारी होने के साथ ही इस कांड में साक्ष्य को प्रस्तुत कराने के लिए अभियोजन शाखा भी गंभीर हाे गयी है. पुलिस ने कांड की जांच के क्रम में मृत ब्रजेश राय की पत्नी प्रतिभा राय का बयान व बाद में गिरफ्तार शंभु मिश्रा तथा पारा 84 में ओम प्रकाश मिश्रा के स्वीकारोक्ति बयान ने सतीश पांडेय, पप्पू लाल श्रीवास्तव, विधायक पप्पू पांडेय, गुड्डू तिवारी, डब्लू तिवारी को भी अभियुक्त बना दिया. बाद में इस कांड में विधायक पप्पू पांडेय का फाइल अलग कर एमपी, एमएलए के कोर्ट में ट्रायल के लिए भेज दिया गया. बाकी अभियुक्तों का केस ट्रायल में है. ्रब्रजेश राय व अशोक राय हत्याकांड के मुख्य आरोपित आमोद तिवारी की 18 दिसंबर 2012 को फुलवरिया ब्लॉक कार्यालय में प्रमुख के चैंबर में घुस कर अपराधियों ने हत्या कर दी थी. उसी प्रकार उचकागांव थाना क्षेत्र के बड़वा मठ के पास नौ मई 2020 को शंभू मिश्रा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गयी थी. मालूम हो कि 11 जनवरी 2010 को अपने कमांडर जीप से सवार होकर ब्रजेश राय, अशोक राय, ललन राय, विनय राय के साथ अपने घर सरेया राजवाही कॉलोनी जा रहे थे. जीप के आगे सीट पर ब्रजेश राय बैठे हुए थे. करीब 4:30 बजे दिन में जैसे ही जीप जादोपुर चौक पहुंची, तो पीछे से एक बोलेरो ने जीप को रोक दिया. उसमें बैठे अपराधियों ने अत्याधुनिक हथियारों से गोलियों से छलनी कर दिया. इसमें ब्रजेश राय व उनके संबंधी अशोक राय की मौके पर ही मौत हो गयी. उनके भाई अजीत राय के बयान पर नगर थाने में 18/2010 दर्ज कर फुलवरिया के गणेश स्थान मांझा के रहने वाले आमोद तिवारी, रामपुर टेंगराही के वीरेंद्र यादव, रामा सुरेंद्र यादव तथा दो-तीन अज्ञात अपराधियों के खिलाफ कांड दर्ज किया गया था.
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