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50 हजार का इनामी कुख्यात मनोज राम भोरे से गिरफ्तार

पुलिस के लिए सिरदर्द बना 50 हजार का इनामी अपराधी मनोज राम को भोरे चारमुहानी से गिरफ्तार कर लिया गया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है.

भोरे. पुलिस के लिए सिरदर्द बना 50 हजार का इनामी अपराधी मनोज राम को भोरे चारमुहानी से गिरफ्तार कर लिया गया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है. पकड़े गये मनोज राम से पूछताछ कर जेल भेजने की तैयारी की जा रही है. दूसरी तरफ मनोज राम की गिरफ्तारी गोपालगंज पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. ताबड़तोड़ आपराधिक घटना और पुलिस पर फायरिंग कर सुर्खियों में आया था. उसी समय से पुलिस कार्रवाई में जुटी थी. भोरे थाना क्षेत्र के जगदीश बंतरिया गांव का मनोज राम उस समय सुर्खियों में आया था. जब उसकी गिरफ्तारी के लिए चारों तरफ से पुलिस ने उसे घेर लिया था. उसके बावजूद वह पुलिस टीम पर फायरिंग करते हुए नाटकीय अंदाज में फरार हो गया था. इससे पहले उसने विजयीपुर में एक ज्वेलरी शॉप और सीएसपी लूट कांड की घटना को भी अंजाम दिया था. इसी मामले में पुलिस उसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही थी. भोरे थाना क्षेत्र के अमही मिश्रा गांव के पास 18 जनवरी को पुलिस और मनोज राम के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें पुलिस टीम पर फायरिंग करते हुए मनोज राम फरार हो गया था. दिनदहाड़े पुलिस टीम पर फायरिंग कर फरार होने वाले मनोज राम ने सीधे-सीधे गोपालगंज पुलिस को चुनौती दे दी थी. इसके बाद उसकी गिरफ्तारी को लेकर कई प्रयास किये गये. बाद में सारण डीआइजी ने मनोज राम के ऊपर 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया. वहीं दूसरी तरफ एसपी स्वर्ण प्रभात ने उसकी गिरफ्तारी को लेकर एक टीम बनायी. इसमें एसओजी और एसटीएफ की टीम को भी शामिल किया गया. इसके अलावा तकनीकी शाखा के प्रभारी सुजीत कुमार, भोरे थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष अनिल कुमार, एएसआइ प्रियरंजन कुमार, तकनीकी शाखा के सिपाही प्रवीण कुमार, भोरे थाना के रवि कुमार निर्मल को शामिल किया गया. विजयीपुर में हुए लूटकांड के मामले में पुलिस ने मनोज राम की पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इससे नाराज मनोज राम लगातार पुलिस टीम पर हमला करने की फिराक में था. 18 जनवरी 2024 को गिरफ्तारी के लिए गयी पुलिस टीम पर उसने हमला भी कर दिया. फरार होने के बाद से भूमिगत हुए मनोज राम की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीम लगातार कसरत कर रही थी. इसी बीच तकनीकी शाखा को यह जानकारी मिली कि मनोज राम, गुजरात के राजकोट शहर में छिपा है. फिर पुलिस टीम उसे गिरफ्तार करने राजकोट गयी. भनक लगते ही वो भोरे आ गया, जहां चारमुहानी पर से उसे गिरफ्तार किया गया.

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