18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अब पुलिस मोबाइल एप से हर कांड की करेगी विवेचना

एक जुलाई से लागू होने वाले नये कानूनों के तहत हर केस की जांच वैज्ञानिक व निष्पक्ष तरीके से हो जायेगी. पुलिसकर्मियों को धाराएं व एप की अलग से ट्रेनिंग दी जा रही है.

गोपालगंज. एक जुलाई से लागू होने वाले नये कानूनों के तहत हर केस की जांच वैज्ञानिक व निष्पक्ष तरीके से हो जायेगी. पुलिसकर्मियों को धाराएं व एप की अलग से ट्रेनिंग दी जा रही है. केस की वैज्ञानिक तरीके से जांच करने व साक्ष्य जुटाने के लिए एक वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के लिए इ-प्रमाणपत्र एप भी बनाया गया है. पुलिस के हर जवान को अपने मोबाइल में इस एप को डाउनलोड करना अनिवार्य होगा. इस एप से मौके से मिले सामान, जब्ती व निरीक्षण की कार्यवाही के छोटे-छोटे वीडियो बनाये जायेंगे. साक्ष्य को 48 घंटे के अंदर कोर्ट में पहुंचाना होगा. पुलिसकर्मियों को कानून की धाराएं व एप की अलग-अलग ट्रेनिंग दी जा रही है. पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात की ओर से सभी जांच अधिकारियों को नये कानून को लेकर पूरी तरह से ट्रेंड करने के लिए कैंप का आयोजन किया. नये कानून के तहत पुलिस को और अधिकार मिलेंगे. पुलिस को उनके अधिकार को गंभीरता से समझाया जा रहा है ताकि आम लोगों को त्वरित न्याय मिल सके. भारतीय साक्ष्य संहिता में कहा गया है कि जांच अधिकारी ने एप से जो वीडियो बनाया है, उसे वह तुरंत एप पर अपलोड करेंगे. इन वीडियो को लोड करने पर एप में यूआरएल (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर यानि वेब एड्रेस), विवरण कुंजी और हैश वैल्यू दिखाई देगी. भारतीय साक्ष्य संहिता में कहा गया है कि यूआरएल और विवरण कुंजी का उल्लेख सीडी एंट्री यानि केस डायरी में करना अनिवार्य होगा. जो भी व्यक्ति चाहे, वह आम आदमी हो या पुलिसकर्मी, सभी को भारतीय आचार संहिता की धारा 36(4) के तहत ये लिखकर देना होगा कि वीडियो के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गयी है. अगर पुलिसकर्मी है, तो फिर मालखाने के इंचार्ज को लिखकर देना होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें