शहर की सड़कों पर लगी बैरिकेडिंग से टूटकर निकले हुए पाइप बने खतरनाक, हादसे को दे रहे हैं दावत

शहर की सुंदरता बढ़े तथा सड़कों पर आने जाने वाले यात्रियों को सहूलियत हो, इसके लिए मुख्य सड़कों पर बैरिकेडिंग लगायी गयी. लेकिन अब यह बैरिकेडिंग सुविधा से अधिक खतरे का सूचक बनती जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 6, 2024 11:03 PM
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गोपालगंज. शहर की सुंदरता बढ़े तथा सड़कों पर आने जाने वाले यात्रियों को सहूलियत हो, इसके लिए मुख्य सड़कों पर बैरिकेडिंग लगायी गयी. लेकिन अब यह बैरिकेडिंग सुविधा से अधिक खतरे का सूचक बनती जा रही है. पोस्टऑफिस चौक से आंबेडकर चौक तक तथा आंबेडकर चौक से चिराई घर तक पाइप की बैरिकेडिंग बनायी गयी. लोगों मांग पर जगह- जगह पाइप को काट कर बैरिकेडिंग को खोल दिया गया, लेकिन जहां- जहां बैरिकेडिंग को खोला गया, वहां ठीक तरीके से मरम्मत नहीं करायी गयी. जिसके कारण पाइप अव्यवस्थित तरीके से बाहर निकले हुए हैं और खतरनाक साबित हो रहे हैं. प्रतिदिन एक दो ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिसमें यात्री पाइप से चोटिल हो रहे हैं. लेकिन प्रशासन को इसकी परवाह नहीं है. घोष मोड़ के समीप नुकीले पाइपाें से यात्री परेशान घोष मोड़ से थोड़ा-सा पूरब बैरिकेडिंग को खोला गया है, लेकिन पाइप को बराबर कर पैक नहीं किया गया, जिससे बाहर निकल कर नुकीले हो गये हैं. पैदल सड़क पार करने वाले यात्रियों को परेशानी होती है. कभी उनके कपड़े फट जाते हैं, तो कभी पाइप से वे घायल हो जाते हैं. वहीं दूसरी ओर आंबेडकर चौक से शुरू हुई बैरिकेडिंग कॉलेज रोड में चिराई घर के सामने जाकर समाप्त हो जाती है. घोष मोड़ के बाद यदि किसी बाइक सवार को उत्तर से दक्षिण जाना होता है, तो उन्हें यहां से आकर मुड़ना पड़ता है. यहां भी बैरिकेडिंग लॉक नहीं है, पाइप बाहर निकले हुए हैं. शाम के समय जब भी बाइक सवार यहां से मुड़ते हैं, तो पाइपों से टकराकर गिर पड़ते हैं. स्थानीय दुकानदारों की मानें, तो पिछले तीन दिनों में यहां पर सात दुर्घटनाएं हुई, जिसमें तीन बाइक सवारों को अस्पताल ले जाना पड़ा. उधर, कॉलेज रोड में घोष मोड़ के बाद एक जगह और बैरिकेडिंग खुली हुई है और पाइप बाहर निकले हुए हैं. जब भी कॉलेज रोड में जाम लगता है, यहां समस्या होती है. जाम के समय सहूलियत के लिए पैदल यात्री और बाइक सवार सड़क को पार करने लगे हैं. जल्दीबाजी में सड़क पार करते हैं पाइपों से चोट लगने का डर बना रहता है.

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