तानाशाही के खिलाफ जारी रहेगी नियोजित शिक्षकों की लड़ाई
गोपालगंज : सरकार के हर दमन का मुंहतोड़ जवाब देते हुए आंदोलनकारी शिक्षक मांगों की पूर्ति तक हड़ताल पर डटे रहेंगे. यह कहना है जिले के शिक्षक नेताओं का. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर नियोजित शिक्षकों की हड़ताल शुक्रवार को 47 वें दिन भी जारी रही. शिक्षक नेता रतिकांत साह ने […]
गोपालगंज : सरकार के हर दमन का मुंहतोड़ जवाब देते हुए आंदोलनकारी शिक्षक मांगों की पूर्ति तक हड़ताल पर डटे रहेंगे. यह कहना है जिले के शिक्षक नेताओं का. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर नियोजित शिक्षकों की हड़ताल शुक्रवार को 47 वें दिन भी जारी रही. शिक्षक नेता रतिकांत साह ने कहा कि बिहार सरकार की शिक्षा व शिक्षक विरोधी नीति, तानाशाही रवैया के खिलाफ व मांगों की पूर्ति के लिए नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. लेकिन, सरकार अपनी हठधर्मिता में शिक्षकों की मांगों की अनदेखी व दमनात्मक कार्रवाई के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है. शिक्षक संघों को वार्ता के लिए नहीं बुला रही. लेकिन, शिक्षकों को भी उसकी दमनात्मक कार्रवाई की कोई परवाह नहीं.
वे अपनी वाजिब मांगों की पूर्ति तक हड़ताल करते रहेंगे. सरकार को शिक्षकों की सभी मांगें माननी ही पड़ेगी. शिक्षक नेता ने कहा कि आर्थिक स्थिति खराब होने व सरकार की प्रताड़ना के बीच हड़ताली शिक्षक इस कोरोना महामारी की आपदा में अपने सामाजिक कर्तव्य का पालन कर रहे हैं. शिक्षक कोरोना वायरस से बचाव व लॉकडाउन के पालन को लोगों में जागरूकता का संदेश फैला ही रहे हैं, वहीं भुखमरी के शिकार गरीबों व मजदूरों को खाना खिलाने के साथ उनकी अन्य तरह से मदद भी कर रहे हैं.
इसमें उनके साथ अशोक कुमार तिवारी, जयनारायण सिंह, प्रकाश नारायण,नीलमणि शाही,सुशील कुमार सिंह,कौशर अली ,आनंद कुमार, रमिता कुमारी ,पुष्पा कुमारी,सुनीता कुमारी, सैयद इमाम,मकर अली ,जय कुमार, मंजू कुमारी सहित जिले के हजारों हड़ताली शिक्षक जुटे हैं.