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डीबीआर यूनीक्यू कंपनी के खिलाफ दर्ज उत्पीड़न केस में एक्शन में आयी पुलिस

डीबीआर यूनीक्यू कंपनी के सीएमडी समेत कई शातिरों की तलाश बिहार पुलिस कर रही है. मुजफ्फरपुर पुलिस की टीम देश भर में फैली डीबीआर यूनीक्यू कंपनी की जड़ों को खंगाल रही है.

गोपालगंज. डीबीआर यूनीक्यू कंपनी के सीएमडी समेत कई शातिरों की तलाश बिहार पुलिस कर रही है. मुजफ्फरपुर पुलिस की टीम देश भर में फैली डीबीआर यूनीक्यू कंपनी की जड़ों को खंगाल रही है. देश की कई सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर भी कंपनी के सीएमडी व डायरेक्टर हैं. इस कंपनी पर उत्पीड़न का केस गोपालगंज के नगर थाने में भी दर्ज है. छह नवंबर से दर्ज कांड का अब तक सुपरविजन तक नहीं हो सका था. पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात ने इसे गंभीरता से लिया. केस को अपने नियंत्रण में लेते हुए एक्शन मोड में आ गये. एसपी ने पूरे मामले में आइओ व थानेदार को तलब किया. अब केस की जांच में तेजी आ गयी है. गोपालगंज पुलिस की एक टीम इस पूरे प्रकरण की जांच व छापेमारी करेगी. इसकी मॉनीटरिंग खुद एसपी कर रहे हैं. डीबीआर यूनीक्यू कंपनी का सीएमडी नगर थाने के कररिया गांव का मनीष सिंह है. अब पुलिस उसकी तलाश कर रही है. शहर के जादोपुर रोड में संचालित डीबीआर यूनीक्यू कंपनी की ट्रेनिंग के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े व उत्पीड़न का भंड़ाफोड़ किया गया था. पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मंगलवारी के रहने वाले कुबंद शेख का 22 वर्षीय पुत्र शुभम शेख एवं सेराजुद्धीन के 21 वर्षीय पुत्र असपा आलम ने नगर थाने में कांड संख्या- 678 छह नवंबर 23 को दर्ज कराया. आरोप था कि करीब तीन चार माह पहले हम दोनों को काम करने के लिए 23 वर्षीय जमाद अली व शहाबुद्धीन, केशव रजक ने दोनों को अन्य लोगों को नौकरी के नाम पर यहां बुलाया कि 10-12 हजार रुपये महीने पर देने की शर्त पर सर्फ, शैंपू एवं अन्य दवाओं की पैकिंग का काम है. यहां आने के बाद पता चलता है कि फरेब करके लड़का लोगों को बुला कर खाना व रहने के नाम पर 5-5 हजार रुपया भेजा जाता है. नहीं देने कि स्थिति में जबर्दस्ती रुपया ले लिये जाते हैं. कुछ दिन रहने पर व काम मांगने पर बोला जाता है कि ज्यादा चुप-चुप खाना वाला पैसा जमा करते रहो. नहीं दोगे तो छत से फेंक देंगे. इसी तरह दो बच्चों को लाभ कमाने की नीयत से यह नौकरी देने, पैकिंग करने व इसके बदले बाद में और लोगों से ठगी के उद्देश्य से उनपर दबाव बना कर गैंग चलवा रहे थे.

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