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प्री मॉनसून बारिश से सफाई व्यवस्था की खुली पोल, सड़कों पर हुआ जलजमाव

पुरवा हवा के जोर पकड़ने के साथ ही मौसम का मिजाज बदल गया. सोमवार की सुबह से ही बादलों की आवाजाही बनने लगी. सात बजते ही बूंदाबांदी शुरू हो गयी. थोड़ी देर में उमड़-घुमड़कर बदरा बरसने लगे. दिन के 10:30 बजे और दोपहर में भी बादल बरसे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 20, 2024 10:16 PM

गोपालगंज. पुरवा हवा के जोर पकड़ने के साथ ही मौसम का मिजाज बदल गया. सोमवार की सुबह से ही बादलों की आवाजाही बनने लगी. सात बजते ही बूंदाबांदी शुरू हो गयी. थोड़ी देर में उमड़-घुमड़कर बदरा बरसने लगे. दिन के 10:30 बजे और दोपहर में भी बादल बरसे. दिन भर बादलों की आवाजाही बनी रही. बादल जहां जमे, वहीं बरस गये. बादलों के बरसने से लोगों को तपती धूप से राहत मिली. लेकिन उमस भरी गर्मी से लोग बेचैन रहे. पिछले 24 घंटे में 3.1 डिग्री पारा गिरा. वहीं रात के पारे में कोई कमी नहीं आयी. इससे लोग पसीने में डूबे रहे. पुरवा हवा 21.2 किमी की रफ्तार से चलती रही. मौसम विज्ञानी इसे प्री मॉनसून नहीं मान रहे. उनका कहना है कि पुरवा हवा के बंगाल की खाड़ी को झकझोड़ने से टर्फ लाइन बनी, उससे बारिश हुई. 12.2 एमएम बारिश दर्ज की गयी है. बारिश से शहर की सड़कों पर नाले का पानी बहने लगा. सर्वाधिक कठिनाई सरेया काली मंदिर रोड में बंजारी से लेकर नंदी ग्रेस स्कूल तक सड़क पर नाले का पानी बहने लगा. आदया तिवारी मार्ग में भी नाले का पानी सड़क पर बहने लगा. सुबह छात्रों को सर्वाधिक परेशानी नाले का पानी को पार कर जाने से हुई. नगरपालिका के नाले की सफाई की पोल खुल गयी. उसी प्रकार सब्जी मंडी से लेकर थाना रोड तक नारकीय स्थिति बनी रही. थाने से पुरानी चौक जाने वाली सड़क पर भी हालत खराब रही. मौसम विज्ञानी डॉ एसएन पांडेय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में दिन का पारा 40.9 डिग्री से 3.1 डिग्री गिरकर 37.8 पर आ गया. जबकि रात का पारा 28.7 डिग्री दर्ज किया गया. पुरवा हवा 21.2 किमी की रफ्तार से चलती रही, जिससे रात में गर्मी ने बेचैन किया. आर्द्रता 42 प्रतिशत हो गयी. अगले तीन दिनों तक बादलों की आवाजाही के बीच पारा 40 डिग्री के नीचे बना रहेगा. गर्मी के रौद्र रूप से झुलसती फसलों को संजीवनी मिली है. बारिश से गन्ना, टमाटर और खीरे की फसल सूख रही थी. किसान बार-बार खेतों की सिंचाई व स्प्रे करने में लगे थे. गांव में 50 प्रतिशत किसान सब्जी की फसल पर निर्भर है. किसान वैज्ञानिक विधि से टमाटर, खीरा, लौकी, मिर्च, तोरई, करेला, ककड़ी, भिंडी की खेती की है. तेज धूप और लू के कारण टमाटर और खीरे की फसलें सूख रही थीं. सोमवार को आयी बारिश से किसानों को काफी राहत मिली है.

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