चनावे जेल में बंद विचाराधीन कैदी ने गुप्तांग में डाला एक फुट लंबा पाइप, हालत बिगड़ी, पीएमसीएच रेफर
गोपालगंज के चनावे मंडल कारा में बंद 45 वर्षीय एक विचाराधीन कैदी ने हैरान करनेवाला कारनामा किया है. कैदी ने अपने गुप्तांग में एक फुट लंबा प्लास्टिक का पाइप डाल लिया.
गोपालगंज. गोपालगंज के चनावे मंडल कारा में बंद 45 वर्षीय एक विचाराधीन कैदी ने हैरान करनेवाला कारनामा किया है. कैदी ने अपने गुप्तांग में एक फुट लंबा प्लास्टिक का पाइप डाल लिया. पेट में तेज दर्द होने पर कैदी ने इसकी सूचना जेल कर्मियों को दी, जिसके बाद जेल के अस्पताल में उसे ले जाया गया. हालत बिगड़ने पर कैदी को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. सोमवार की रात इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां मेडिकल बोर्ड की टीम ने इलाज शुरू किया. मेडिकल बोर्ड ने एक्सरे जांच करायी, तो रिपोर्ट में कैदी के पेट में एक फुट लंबा पाइप होने का पता चला. बिना ऑपरेशन पाइप नहीं निकल सकेगा, इसलिए डॉक्टरों की टीम ने बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर कर दिया. वहीं, कैदी ने ऐसा क्यों किया, इसका खुलासा नहीं हो सका है. एक फुट लंबा पाइप किया इंसर्ट : मेडिकल बोर्ड के सदस्य और कैदी का इलाज कर रहे सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ विमान केसरी का कहना है कि एक्सरे जांच रिपोर्ट में साफ नजर आया कि रीढ़ की हड्डी के पास एक लंबा पाइप के आकार जैसा वास्तु फंसा हुआ है. इसकी लंबाई तकरीबन एक फुट तक और मोटाई एक इंच से आसपास होने की संभावना है. डॉक्टर ने कहा कि कैदी ने खुद से पाइप को इंसर्ट करने की बात बतायी है. कैदी ने ऐसा क्यों किया, इसके बारे में उसने कुछ नहीं कहा है. डॉक्टर ने कहा कि सदर अस्पताल में इतना बड़ा ऑपरेशन करने के लिए तत्काल इंतजाम नहीं हो सकेगा, इसलिए चिकित्सकों की बोर्ड ने कैदी को बेहतर इलाज के लिए पीएचसीएच रेफर किया गया है. कड़ी सुरक्षा के बीच जेल की एंबुलेंस से कैदी को लाया गया था और सदर अस्पताल से पीएमसीएच रेफर किया गया है. जेल के सूत्रों ने बताया कि बरौली थाना क्षेत्र का रहनेवाला विचाराधीन कैदी हत्या के प्रयास के एक मामले में चनावे मंडल कारा में बंद है. रविवार की रात उसने अपने गुप्तांग में प्लास्टिक का पाइप डाल लिया. उसके बाद उसने पाइप को खुद से निकालने की कोशिश की. तब पाइप और भी अंदर की ओर चला गया. इसके बाद परेशानी बढ़ने लगी और उसने मंडल कारा के कर्मियों को इसकी सूचना दी. सोमवार को पूरे दिन मंडल कारा में ही उसका इलाज हुआ. हालत नहीं सुधरने पर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया, जहां अस्पताल प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर कैदी का इलाज शुरू कराया मेडिकल बोर्ड ने भी देर रात पीएमसीएच रेफर कर दिया.
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