लॉरेंस बिश्नोई के गिरफ्तार गुर्गों को रिमांड पर लेकर जायेगा राजस्थान व झारखंड एटीएस
लॉरेंस बिश्नोई और झारखंड के जेल में बंद अमन साहू गैंग से जुड़े गुर्गों के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को पुख्ता सबूत मिलने के बाद जांच का दायरा कई राज्यों तक बढ़ा है. एनआइए के दिल्ली लौटने के बाद राजस्थान और झारखंड के एटीएस ने गिरफ्तार किये गये तीनों गुर्गों से पूछताछ करने के लिए रिमांड पर लेने की तैयारी शुरू कर दी है.
गोपालगंज. लॉरेंस बिश्नोई और झारखंड के जेल में बंद अमन साहू गैंग से जुड़े गुर्गों के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को पुख्ता सबूत मिलने के बाद जांच का दायरा कई राज्यों तक बढ़ा है. एनआइए के दिल्ली लौटने के बाद राजस्थान और झारखंड के एटीएस ने गिरफ्तार किये गये तीनों गुर्गों से पूछताछ करने के लिए रिमांड पर लेने की तैयारी शुरू कर दी है. राजस्थान और झारखंड में इस गैंग ने कई बड़ी घटना को अंजाम दिया है. लॉरेंस बिश्नोई ओर से सप्लाइ किये गये हथियार से झारखंड में भी बड़ी वारदात को अंजाम दिये जाने की बात सामने आयी है. ऐसे में दोनों राज्यों की एटीएस टीम इन गुर्गों से गहनता से पूछताछ करना चाहती है, इसलिए इन्हें रिमांड पर लेकर जाने की तैयारी चल रही है. हालांकि, जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू के बीच टीम का नेतृत्व कर रहे मलयेशिया में बैठा राजस्थान के मयंक सिंह उर्फ मीणा के बारे में कोई सुराग नहीं मिल रहा है. झारखंड पुलिस की मानें, तो उसके घर पर इश्तेहार चिपकाने के बाद कुर्की की कार्रवाई भी इसी सप्ताह की गयी है. बता दें कि 22 जुलाई को गोपालगंज के यूपी-बिहार के बलथरी चेकपोस्ट पर कुचायकोट थाने की पुलिस ने नगालैंड नंबर की एक बस से मुजफ्फरपुर के गायघाट थाना क्षेत्र के बोवारी निवासी संतनु शिवम और राजस्थान के अजमेर जिले के कमल राव को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से ऑस्ट्रिया निर्मित चार ग्लोक पिस्टल, आठ मैगजीन बरामद किया गया था. इनसे पूछताछ के बाद पुलिस ने एसटीएफ की मदद से राजस्थान के अजमेर जिला के केसरपुर निवासी दिनेश सिंह रावत को 24 जुलाई को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में गिरफ्तार गुर्गों ने लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करने और झारखंड के गैंगेस्टर अमन साहू तक हथियार पहुंचाने की बात सामने आयी थी.
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