गोपालगंज. कड़ी धूप व गर्मी से इंसान तो परेशान हैं ही, बेजुबान जानवर भी मुश्किल में हैं. दुधारू पशुओं पर हीट स्ट्रोक का खतरा मंडराने लगा है. ऐसे में पशुओं की देखभाल में जरा-सी भी लापरवाही हुई, तो पशुओं को बड़ा नुकसान पहुंच सकता है. लापरवाही से मवेशी संकट में आये तो पशुपालकों की भी दिक्कत बढ़ेगी. दूध का उत्पादन भी कम हो सकता है. यदि शीघ्र उपचार नहीं मिला, तो पशुओं की मौत तक हो सकती है. कृषि विज्ञान केंद्र सिपाया के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ रामकृष्ण राय बताते हैं कि यदि पशु के शरीर के तापमान में एक डिग्री सेंटीग्रेड की वृद्धि होती है, तो दूध उत्पादन में 10-15 प्रतिशत की हानि होती है. पशुओं के शरीर में बाइकार्बोनेट आयनों की कमी और रक्त के पीएच में वृद्धि हो जाती है. पशुओं के रियुमन में भोज्य पदार्थों के खिसकने की गति कम हो जाती है, जिससे पाच्य पदार्थों के आगे बढ़ने की दर में कमी हो जाती है और रियुमन की फॉर्मेंटेशन क्रिया में बदलाव आ जाता है. उनके शुष्क पदार्थ ग्रहण करने की क्षमता 50 प्रतिशत तक कम हो जाती है, जिसके कारण दूध उत्पादन में कमी आ जाती है. अत्यधिक गर्मी एवं लू के कारण पशुओं को हीट स्ट्रोक की समस्या हो जाती है. इधर, पशुपालन विभाग ने भी हीट स्ट्रोक को लेकर अलर्ट पर हैं. जिले के सभी 26 पशु अस्पतालों में आवश्यक दवाइयों की आपूर्ति की जा रही है. डॉक्टरों को भी अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ जाहिद हुसैन ने बताया कि पशुओं को हीट स्ट्रोक से बचाने के लिए पशुपालकों को अलर्ट रहना होगा. कुछ सावधानियों को बरत कर हीट स्ट्रोक से बचाया जा सकता है. पशुओे में हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखे, तो तत्काल नजदीकी पशु अस्पताल में संपर्क करें. सभी पशु अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां मौजूद हैं. डॉक्टरों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है.
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