गोपालगंज. नेपाल में 13 जुलाई के बाद बारिश नहीं होने से गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज से लगातार पानी का डिस्चार्ज घट रहा है. इसके बाद भी गंडक नदी पांच दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कहीं 10 सेमी, तो कहीं 75 सेमी नदी के ऊपर होने से दियारे के निचले इलाके में तबाही बरकरार है. मंगलवार को नदी लगभग 67 सेमी नीचे आ चुकी है. नदी का जल स्तर घटने के कारण अब गांवों में भी पानी निकलने लगा है. जिनके घरों में पानी घुसा हुआ था उनके घरों में अनाज, कपड़ा, सामान के सड़ने के कारण बदबू निकल रही है. कई घरों में कीचड़ भी आ गया है. इससे लोगों को अब सफाई करने में पसीने छूट रहे हैं. पिछले छह दिनों से नदी में आयी बाढ़ से गांव पहले से ही घिरे हुए हैं. अभी पानी सड़कों से हटा भी नहीं है. मंगलवार की सुबह डिस्चार्ज 1.33 लाख क्यूसेक था, तो शाम को 1.22 लाख क्यूसेक पर आ गया. इससे तटबंधों पर कटाव का खतरा बना हुआ है. उधर, मुख्य अभियंता संजय कुमार, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार ने बांध की जांच कर सुरक्षित रखने के लिए इंजीनियरों को अलर्ट रहने का आदेश दिया. पानी के घटते-बढ़ते रहने से बचाव कार्यों के भी नदी में समा जाने का खतरा बना है. बचाव कार्यों के स्टाॅक की समीक्षा कर जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को हाइअलर्ट मोड में संवेदकों के साथ मुस्तैद रहने का आदेश दिया. विभाग ने तटबंधों को पूरी तरह से सुरक्षित होने का दावा किया है. गंगा नदी में भी उफान होने के कारण गंडक नदी का पानी स्टोर होने लगा है. पिछले चार दिनों घंटे से नदी के बहाव के स्पीड में कमी आयी है. इससे बैकुंठपुर प्रखंड के नदी साइड वाले गांवों में पानी घरों से होकर बह रहा है. गांव पूरी तरह से घिरा हुए हैं. वैसे तो जिले के छह प्रखंडों के 43 गांव, जो नदी व बांध की साइड में हैं, उनमें नदी का डिस्चार्ज दो लाख पहुंचते ही तबाही शुरू हो जाती है.
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