जविप्र की दुकान में भेजा जा रहा सड़ा हुआ चावल, डीलरों ने जतायी आपत्ति

सरकार से पांच साल तक मुफ्त अनाज पाने वाले गरीब, इस तरह का अनाज खाने को मजबूर हैं, जिसे जानवर भी खाना पसंद ना करें. भोरे के एसएफसी गोदाम से निकलने वाला चावल इतना खराब है कि उसे खाना तो दूर, लोग देखना भी पसंद नहीं करेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | August 9, 2024 10:34 PM

भोरे. सरकार से पांच साल तक मुफ्त अनाज पाने वाले गरीब, इस तरह का अनाज खाने को मजबूर हैं, जिसे जानवर भी खाना पसंद ना करें. भोरे के एसएफसी गोदाम से निकलने वाला चावल इतना खराब है कि उसे खाना तो दूर, लोग देखना भी पसंद नहीं करेंगे. कुछ ऐसा ही नजारा भोरे के एसएफसी गोदाम पर भी दिखा, जहां जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों को आपूर्ति किया जाने वाला चावल खराब पाया गया है. इसे लेकर डीलरों ने भी आपत्ति जतायी है. हालांकि डीलरों की आपत्ति जताने के बाद कुछ जगह अच्छी क्वालिटी का चावल भेज दिया गया है. भोरे में बने एसएफसी गोदाम में जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के लिए जो चावल आपूर्ति की गयी है. वह चावल इतना खराब है उसे जानवर भी खाना पसंद नहीं करेंगे. कटे-फटे बोरे में आये इस चावल को लेकर ट्रांसपोर्टर द्वारा उठाव किया जा रहा है. जब चावल की आपूर्ति पाने वाले डीलर गोदाम पर पहुंचे, तो पूरा मामला सामने आ गया. दरअसल एसएफसी के गोदाम में पंचदेवरी से चावल लाया गया है, जिसकी आपूर्ति जन वितरण प्रणाली के दुकानदारों के बीच की जा रही है. बता दें की भोरे प्रखंड में कुल 98 जन वितरण प्रणाली की दुकानें हैं, जिसके दुकानदारों ने बताया कि गोदाम से जो चावल वितरण करने के लिए दिया जा रहा है. वह काफी खराब है. इसे आम लोग लेने में आना-कानी करेंगे. इसलिए फजीहत का सामना हम डीलरों को करना पड़ता है. गोदाम से जो जानकारी मिली, उसमें बताया गया है कि इस चावल की आपूर्ति लोकल पैक्स से लेकर की गयी है. ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या लोकल जो पैक्स है, उनके द्वारा खराब चावल की आपूर्ति एसएफसी को की गयी थी. इस संबंध में गोदाम प्रबंधक फैजान अहमद ने बताया कि सीएमआर चावल आ गया है. क्वालिटी थोड़ी कमजोर है. जो आपूर्ति हुई है, उसे ही डीलरों को दिया जा रहा है.

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