संक्रमण से बचाव के लिये शहर हो रहा सैनिटाइज
गोपालगंज : शहर को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिये सैनिटाइजेशन का काम लगातार जारी है. फायर ब्रिगेड द्वारा दूसरे दिन भी शहर को सैनिटाइज करने का काम सुबह से लेकर देर शाम तक जारी रहा. शहर की सफाई से लेकर सैनिटाइजेशन पर नगर पर्षद अब तक 32 लाख से अधिक की राशि कर […]
गोपालगंज : शहर को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिये सैनिटाइजेशन का काम लगातार जारी है. फायर ब्रिगेड द्वारा दूसरे दिन भी शहर को सैनिटाइज करने का काम सुबह से लेकर देर शाम तक जारी रहा. शहर की सफाई से लेकर सैनिटाइजेशन पर नगर पर्षद अब तक 32 लाख से अधिक की राशि कर चुकी है. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिये नगर पर्षद के सफाई मजदूर सुबह से देर रात तक काम कर रहे हैं. एक ओर शहर की जहां सफाई करायी जा रही है, वहीं पूरे दिन छिड़काव भी कराया जा रहा है. पूरे शहर को सैनिटाइज करने के लिये नप की ओर मेगा प्लान बनाया गया है. इसके लिये नप की ओर मजदूर की जहां छह टीम लगायी गयी है, वहीं गुरुवार से फायर ब्रिगेड की तीन वाहनों से सैनिटाइज करने का काम कराया जा रहा है. संक्रमण से बचाव के लिये शहर की सभी सड़कों, सार्वजनिक स्थल, नालियों, गलियों और सभी घर की दीवारों को सैनिटाइज कराया जा रहा है. शुक्रवार को आंबेडकर चौक के पास सैनिटाइजेशन का कार्य मुख्य पार्षद हरेंद्र कुमार चौधरी कराते नजर आये. नप की ओर से कहा गया है कि सैनिटाइजिंग का कार्य लॉकडाउन की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी जारी रहेगी.मोहल्लों की नहीं हो रही सैनिटाइजशहर के चौक- चौराहे व भीआइपी स्थलों को सैनिटाइज कराने में नगर पर्षद कसरत कर रहा. जबकि शहर के गली मोहल्ले को सैनिटाइज नहीं कराया जा रहा. जिससे लोगों में नारजगी देखा जा रहा. फॉगिंग भी मोहल्लों में नहीं कराने से मच्छरों का आतंक भी कम नहीं है.
शहर का अतिकतर आबादी गली व मोहल्लों में ही रहती है. नगर पर्षद के इस गड़बड़झाला से नाराजगी देखी जा रही. क्या कहता है नगर पर्षदसफाई के अलावा शहर को सैनिटाइज करने का काम युद्धस्तर पर कराया जा रहा है. फायर ब्रिगेड के वाहनें के अलावा प्रत्येक वार्ड के सभी घरों को अंदर से सैनिटाइज करने के लिये अलग-अलग टीम बनायी जा रही है. यह भी काम जल्द शुरू होगा.सुनील कुमार, इओ, गोपालगंज.गांवों से निकल रहे कोरोना के बीमार, सैनिटाइज हो रहा शहरसंवाददाता, गोपालगंज,पूरे जिला में कोरोना का भय है. तीन लोगों में कोरोना पोजिटिव भी पाया गया है. कुछ संदिग्ध भी हैं. हैरत तो यह है कि ये सभी कोरोना के बीमार गांवों से निकल रहे हैं ओर संक्रमण से बचाव की व्यवस्था को लेकर प्रशासन का पूरा फोकस शहर में है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये छिड़काव किया जा रहा है. सड़के, दीवारें और गलियां सैनिटाइज हो रही हैं, लेकिन यह महज शहर तक सुविधा दी जा रही है. संक्रमण से बचाव का प्रशासन का फोकस महज नगर निकायों तक सिमट कर रह गया है. हां, गांव में छिड़काव के लिये बीमार का इंतजार किया जा रहा है. इसका उदाहरण थावे है, जहां रोगी मिलने के बाद सैनिटाइजेशन का काम शुरू हुआ. जिले की आबादी 28 लाख से अधिक है. शहर में लगभग दो लाख की आबादी रहती है. जिले में 1566 गांव हैं जहां 26 लाख से अधिक की आबादी रहती है. संक्रमण को लेकर चल रहे सैनिटाइजिंग के उपाय जिले के किसी भी गांव में अब तक नहीं किये गये हैं. एक ओर कोरोना के भय से ग्रामीण घरों में रहने को विवश हैं, वहीं दूसरी ओर मच्छरों का कहर है. किसी एक गांव में भी कम से कम डीडीटी का छिड़काव नहीं हुआ है.