भोरे. प्रखंड में डीलरों को सड़ा चावल आपूर्ति करने का मामला जैसे ही सामने आया, वैसे ही गुरुवार को अचानक एसएफसी का गोदाम बंद कर दिया गया. पूरे दिन अनाज का उठाव नहीं हुआ. इसके कारण आंगनबाड़ी सेविका से लेकर डीलर गोदाम से बैरंग लौट गये. कई डीलर गोदाम का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन गोदाम नहीं खोलने के कारण उनका अनाज लोड नहीं हो पाया है. वहीं सबसे बड़ा सवाल यह है कि एजीएम बनकर काम कर रहा है, वो युवक कौन है. उसके द्वारा सड़ा हुआ अनाज लोड कराया गया था. भोरे में स्थित एसएफसी गोदाम का ताला सुबह में 5 से 10 मिनट के लिए खोला गया था. मजदूर गोदाम की साफ-सफाई में लगे थे. तभी कुछ लोग वहां पहुंचे और सड़े हुए अनाज की जानकारी लेने लगे. जैसे ही इसकी जानकारी गोदाम संचालकों को मिली कि गोदाम को बंद कर दिया गया. सूने पड़े गोदाम पर जवाब देने वाला भी कोई नहीं था कि आखिर गोदाम को क्यों बंद किया गया. प्रखंड के लामीचौर में स्थित भरत कुमार पांडेय के जन वितरण प्रणाली की दुकान में एसएफसी गोदाम से जो चावल की सप्लाइ किया गया था, वह इंसानों के खाने लायक नहीं था, चावल से कीड़ा निकल रहे थे. चावल से बदबू आ रही थी. स्थिति यह थी उसे चावल को जानवर भी खाना पसंद नहीं करते. इससे संबंधित समाचार प्रभात खबर में प्रकाशित होते ही आनन-फानन में डीलर के चावल को वहां से उठवा लिया गया. वहीं दूसरी ओर भोरे के एजीएम रहे फैजान अहमद का तबादला कुछ माह पूर्व ही कुचायकोट हो गया था. वहीं यहां रवि किशोर की पोस्टिंग की गयी. अनाज में हुई गड़बड़ी और चल रही जांच को लेकर एजीएम रवि किशोर ने यहां अपना योगदान नहीं दिया. वह बीमार हैं. इधर, बुधवार को जो सड़ा हुआ चावल गाड़ी पर लोड कराया गया था, वो यहां एजीएम की गैरमौजूदगी में रेयाज नाम का युवक काम कर रहा है. इस पूरे मामले को लेकर एजीएम से संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. इस संबंध में एसएफसी के जिला प्रबंधक कुमार कुंदन से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि गोदाम में प्राइवेट व्यक्ति काे रखकर काम कराना गैरकानूनी है. काम अधिक होने के कारण कहीं-कहीं प्राइवेट लोगों को रखकर काम किया जाता होगा. भोरे के मामले में जांच हो चुकी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद निश्चित ताैर पर कार्रवाई की जायेगी.
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