हुजूर, मेरे पति को इसी ने मारी थी गोली, कोर्ट में शूटर को देखते ही बोल पड़ी महिला
हुजूर मेरे पति मुखिया अरुण कुमार सिंह की इसी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. शूटर का कॉलर पकड़ कर मुखिया की पत्नी अलका देवी ने पहचानते हुए सजा देने की मांग की.
गोपालगंज. हुजूर मेरे पति मुखिया अरुण कुमार सिंह की इसी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. शूटर का कॉलर पकड़ कर मुखिया की पत्नी अलका देवी ने पहचानते हुए सजा देने की मांग की. एडीजे -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में ट्रायल शुरू होने के साथ ही अभियोजन पक्ष से जयराम प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि कांड की सूचक मृत मुखिया की पत्नी अल्का सिंह शूटर चंदन यादव को पहचान कर कोर्ट में फफक पड़ी. कोर्ट ने चश्मदीद के बयान को कलमबद्ध कर दिया. अरुण कुमार सिंह के हत्या कांड का ट्रायल तेज हो गया है. कोर्ट स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई कर रहा है. अभियोजन पक्ष की ओर से आये साक्ष्यों को मजबूती से रख रहा है. वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता रामनाथ साहू व भूलन प्रसाद ने कोर्ट में दावा किया कि प्राथमिकी आरोपितों का नाम नहीं है. मृत मुखिया की पत्नी, जो इस वाद की सूचक है, ने एफआइआर में हम लोगों का नाम नहीं दिया था. अन्य साक्षियों ने पहचान नहीं की. पुलिस ने जान-बूझकर राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया दिया है. सब कुछ ठीक रहा, तो कांड का फैसला भी इसी माह आ सकता है. मीरगंज थाना के जिगना ढाला के पास अपने सर्विस सेंटर के पास बैठे 12 जनवरी 2020 की दोपहर 1:15 बजे मटिहनियां गोपाल गांव के रहने वाले मटिहानी नैन पंचायत के मुखिया अरुण कुमार सिंह बैठे थे. उसी दौरान एनएच- 85 के दो बाइक से पांच अपराधी आये. अंधाधूंध फांयरिंग करने लगे. फायरिंग की आवाज सुनकर उनकी पत्नी अल्का सिंह बाहर निकली तो देखी कि अरुण सिंह गोली लगने से गिर गये हैं. उनकी मौत हो गयी थी. वहीं हथुआ प्रखंड की मटिहानी पंचायत के मुखिया अरुण सिंह के हत्याकांड में पुलिस ने दो शूटरों को गिरफ्तार किया. सीवान जिले के दरौली थाना क्षेत्र के अइनी गांव के रहने वाले विशुनदेव सिंह के पुत्र चंदन सिंह उर्फ हड्डी व हथुआ थाना के जैनन गांव के रामविलास यादव के पुत्र नागेंद्र यादव है. सोनू यादव को पुलिस ने दबोचा. पुलिस को दिये गये बयान में इन अपराधियों ने सच को कबूलते हुए सनसनीखेज खुलासा किया. इन शूटरों ने कहा कि उनके राडार पर जदयू विधायक अमरेंद्र पांडेय के भाई सतीश पांडेय व उनके पुत्र पूर्व जिला पर्षद अध्यक्ष मुकेश पांडेय का सफाया करना था. लेकिन उनके हाइ सुरक्षा को देख उनके करीबियों की हत्या करने लगे. उसी कड़ी में मुखिया को मारा, जबकि अतुल उपाध्याय को मारना था, तब तक अरेस्ट हो गये.
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