Gopalganj News : गंडक नदी से कछुओं की बढ़ी तस्करी

नेपाल से निकली गंडक नदी में सॉफ्ट-शेल प्रजाति के कछुए पाये जाते हैं. वन विभाग ने सॉफ्ट-शेल प्रजाति के कछुओं को दुर्लभ प्रजाति की श्रेणी में रखा है, लेकिन इन कछुओं पर पश्चिम बंगाल और भूटान के तस्करों की नजर है. तस्कर गलतफहमी में पड़कर दवा बनाने के लिए इन कछुओं की लगातार तस्करी कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 11, 2025 10:30 PM

गोविंद कुमार, गोपालगंज

नेपाल से निकली गंडक नदी में सॉफ्ट-शेल प्रजाति के कछुए पाये जाते हैं. वन विभाग ने सॉफ्ट-शेल प्रजाति के कछुओं को दुर्लभ प्रजाति की श्रेणी में रखा है, लेकिन इन कछुओं पर पश्चिम बंगाल और भूटान के तस्करों की नजर है. तस्कर गलतफहमी में पड़कर दवा बनाने के लिए इन कछुओं की लगातार तस्करी कर रहे हैं. वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1979 बना है, ये कछुए वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत संरक्षित जीव हैं. इनको पकड़ना या हानि पहुंचाना दंडनीय अपराध है. बावजूद कछुओं की तस्करी बदस्तूर जारी है. आंकड़ों पर गौर करें तो ठंड के मौसम में दिसंबर से जनवरी तक कछुओं की तस्करी हो रही है. गोपालगंज यूपी का सीमावर्ती जिला है. नेपाल का वीटीआर भी नजदीक है. लिहाजा गंडक नदी में सॉफ्ट-शेल प्रजाति के कछुए के अलावा जलीय जीव और जानकर भी आ जाते हैं. हाल के दिनों में पुलिस ने यूपी-बिहार की सीमा पर बने बलथरी चेकपोस्ट से पांच हजार से अधिक कछुओं को बरामद किया है. तीन हजार कछुए ही जीवित मिले, बाकी मार दिये गये या फिर मर गये थे. बीते शुक्रवार को भी पुलिस ने बलथरी चेकपोस्ट से 60 किलोग्राम कछुए की खाल व खोपड़ी के साथ गोरखपुर के रहनेवाले दो तस्करों को गिरफ्तार किया था,

जो दवा बनाने के लिए भूटान में तस्करी कर ले जानेवाले थे.

वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन 
एक्ट में हुई कार्रवाई

गोपालगंज पुलिस, मद्य निषेध टीम और वन विभाग की ओर से हाल के दिनों में बरामद कछुओं के मामले में एफआइआर दर्ज की गयी है. पुलिस की ओर से कछुए को बरामद करने के मामले में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1979 की अनुसूची एक के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की गयी. ये कछुए वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत संरक्षित जीव हैं. इनको पकड़ना या हानि पहुंचाना दंडनीय अपराध है. बावजूद इसके कछुओं की हत्या और उनकी तस्करी पर रोक नहीं लगी.

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