गोरखपुर अस्पताल में आखिरकार जीवन के लिए छिड़ी जंग हार गये जवान सुधीर सिंह
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में तीन दिनों तक जूझने के बाद बिहार पुलिस के जवान सुधीर कुमार आखिरकार जिंदगी के लिए छिड़ी जंग हार गये. वह गया जिले के चेरकी थाना क्षेत्र के जमड़ी गांव के रामभजन साह के पुत्र थे.
गोपालगंज. गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में तीन दिनों तक जूझने के बाद बिहार पुलिस के जवान सुधीर कुमार आखिरकार जिंदगी के लिए छिड़ी जंग हार गये. वह गया जिले के चेरकी थाना क्षेत्र के जमड़ी गांव के रामभजन साह के पुत्र थे. 35 वर्षीय सुधीर कुमार का लीवर व फेफड़े का ऑपरेशन सोमवार की सुबह पूरे सफलतापूर्वक हुआ था. ऑपरेशन के बाद से ही वेंटिलेटर पर रखा गया था. मंगलवार की सुबह 9:35 बजे अंतिम सांस ली. मौत की खबर आते ही पुलिस लाइन में शोक की लहर दौड़ गयी. वहीं सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गयी है. उधर, निधन के बाद गोरखपुर में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरा करने के बाद देर शाम पार्थिव शरीर को पुलिस लाइन में लाया गया, जहां डीएम मो मकसूद आलम व एसपी स्वर्ण प्रभात, एसडीपीओ प्रांजल, डीएसपी ट्रैफिक शैलेश कुमार मिश्र पहुंचे और पुष्पांजलि के साथ राजकीय सम्मान के साथ उनको अंतिम विदाई दी गयी. रात में ही अंतिम संस्कार के लिए शव को उनके पैतृक गांव भेज गया. पुलिस लाइन में हर जवान के आंखें नम हो गयी थीं. सुधीर कुमार वर्ष 2011 बैच के जवान थे. उनके व्यवहार को याद कर साथी व सहयोगी रो रहे थे. रविवार को सुपौल लोकसभा चुनाव की ड्यूटी पर जाने के दौरान सिधवलिया थाना के बरहिमा चौक के पास लाइन होटल पर जवानों से भरे बस में अनियंत्रित कंटेनर की टक्कर में सुधीर गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. उका सदर अस्पताल में इलाज के बाद चिकित्सकों ने गंभीर अवस्था में गोरखपुर रेफर कर दिया इलाज के क्रम में मंगलवार को गोरखपुर में सुधीर की मौत हो गयी. सुधीर कुमार अपने मां-बाप के इकलौते पुत्र थे. उनकी पत्नी, दो बेटा व एक बेटा है. पूरा परिवार सदमे में हैं. घटना के बाद से परिजन इलाज कराने के लिए गोरखपुर में ही थे. उधर, पुलिस मुख्यालय की ओर से मृतक के परिजनों को 50 लाख का मुआवजा व सरकारी नौकरी देने का आदेश है.
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