गोपालगंज : कोरोना की जांच कराने के लिए पुलिस विदेश से आये लोगों को पकड़कर सेंटरों पर ला रही है, लेकिन यहां व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण सैंपल देनेवाले संदिग्ध रिपोर्ट आने के पहले ही भाग जा रहे हैं. ऐसे में संदिग्ध का रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर प्रशासन को घर से मरीज को उठाकर पटना भेजना पड़ रहा है. गुरुवार की रात में भी कुछ ऐसा ही हुआ. गोपालगंज केभोरे और उचकागांव में मिले पॉजिटिव मरीज सैंपल देने के बाद अपने घर भाग गये थें.
प्रशासन की लापरवाही से आसपास में रहनेवाले लोगों के लिए मुश्किलें खड़ा हो सकता है. जिला प्रशासन यह चूक लगातार तीसरी बार मिला. अधिकारिक सूत्रों की माने तो कोरोना के संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेने के बाद जब तक रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाता, तब तक किसी को छोड़ना नहीं है. क्वारंटीन सेंटरों पर ही सभी लोगों को सोशल डिस्टेंस बनाकर रखना है. लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हो रहा. सैंपल कलेक्शन सेंटर पर मौजुद कुछ कर्मियों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि सुरक्षा-व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने के कारण सैंपल देने के बाद आसानी से लोग भाग जा रहे हैं.
थावे के पॉजीटिव मरीज का सैंपल लेने के बाद रिपोर्ट आने से पहले जिला मुख्यालय के किसान भवन से संदिग्ध मरीज को छोड़ दिया गया था. आधी रात को जब रिपोर्ट आरएमआइ से पॉजिटिव आया, तो प्रशासन आनन-फानन में युवक के घर पहुंची और कोरोना मरीज को एंबुलेंस से पटना भेज दी. नतिजा यह हुआ कि उसके पूरे परिवार को क्वारंटीन करना पड़ा. साथ ही गांव के लोगों की स्क्रीनिंग करानी पड़ रही है.
हथुआ अनुमंडल के लोगों के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय बलेसरा को सैंपल कलेक्शन सेंटर बनाया गया है. यहां पांच दिनों में 248 लोगों का सैंपल लिया गया. पहले दिन 32 लोगों का सैंपल लिया गया, जिसमें सभी लोगों का रिपोर्ट निगेटिव आया. 30 मार्च के बाद से अबतक का रिपोर्ट नहीं आया है. प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो 150 लोग ही यहां हैं, अन्य जांच रिपोर्ट आने से पहले ही भाग गये हैं.