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आत्मदाह करने पहुंचा पूरा परिवार, मौके पर पहुंची पुलिस ने हिरासत में लेकर बचाया

विजयीपुर-भोरे मुख्य पथ पर बनकटा गांव के समीप मंगलवार को रोड जाम कर सामूहिक आत्महत्या करने जा रहे एक ही परिवार की तीन महिला, एक वृद्ध तथा तीन युवक सहित सात लोगों को विजयीपुर पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

विजयीपुर. विजयीपुर-भोरे मुख्य पथ पर बनकटा गांव के समीप मंगलवार को रोड जाम कर सामूहिक आत्महत्या करने जा रहे एक ही परिवार की तीन महिला, एक वृद्ध तथा तीन युवक सहित सात लोगों को विजयीपुर पुलिस ने हिरासत में ले लिया. मंगलवार को पूर्वाह्न स्थानीय थाना क्षेत्र के विजयीपुर-भोरे मेन रोड पर बनकटा गांव के समीप इसी गांव की एक ही परिवार के सात लोगों ने रोड पर बैठकर रास्ता जाम कर दिया. जाम करने वाले सदस्यों में बनकटा गांव की वीरेश राय, रवि सिंह, सत्या सिंह, नरेंद्र सिंह तथा महिलाओं में रीता कुंवर, मंजू कुवर तथा मोमील कुंवर हैं. इन लोगों ने विजयीपुर पुलिस प्रशासन से लेकर एसडीओ, एसपी, डीएम तक जमीनी विवाद में सुनवाई नहीं करने से खफा होकर आत्महत्या करने का निर्णय ले लिया. सभी सदस्य मंगलवार की सुबह से ही रोड जाम कर अपने शरीर पर डीजल उड़ेल कर आत्महत्या करने जा रहे थे कि इसकी सूचना पाकर विजयीपुर पुलिस ने सभी सदस्यों को हिरासत में लेकर थाने में रख दिया है. पुलिस का कहना है कि बिना सूचना दिये उपरोक्त सभी लोगों ने सड़क जाम कर कानून को अपने हाथ में ले लिया. साथ ही ये सभी ज्वलनशील तेल अपने ऊपर उड़ेल कर आग लगाकर आत्महत्या करने की फिराक में थे. जैसे ही सूचना मिली, धरने पर बैठे सभी सात सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया है. इसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों को दे दी गयी है. तब तक इन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. ऊपर से सूचना मिलते ही अग्रिम कार्रवाई की जायेगी. वहीं हिरासत में लिये गये वीरेश राय तथा रवि सिंह ने बताया कि पूर्वजों ने हिस्से में जमीन का बंटवारा कर दिया था. बंटवारा में दोनों पक्षों को बराबर-बराबर जमीन मिली. इसके अनुसार हम लोगों को रोड के पास जमीन मिली है. इसमें हम लोगों के मकान व पीछे खेती योग्य जमीन है. इसके बदले पट्टीदार वगैरह को भी इतनी ही जमीन हिस्से में मिली है, जो दूसरी ओर है. उसमें वे लोग भी काबिज है. कुछ दिनों पूर्व मेरी कुछ जमीन पर जबर्दस्ती कब्जा करने की कोशिश की गयी. बताया जाता है कि एक वाद गोपालगंज सब जज के न्यायालय में लगभग 20 वर्ष चला. 2018 में उक्त मामला पीड़ित परिवार के पक्ष में गया और अब विरोधी बल, ऊंची पहुंच और पैसे के बल पर हड़पना चाहते हैं. इसके लिए थाने से लेकर जिलाधिकारी के न्यायालय तक गुहार लगाकर थक चुके हैं. कहीं से सुनवाई नहीं होते देख पीड़ित परिवार के सभी सदस्यों ने प्रशासन को आगाह करते हुए आत्महत्या करने का निर्णय ले लिया. आत्महत्या करने जा रहे थे कि पुलिस ने हम लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

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