गंडक नदी के तटबंधों पर चल रहे बचाव कार्यों की गुणवत्ता की उड़नदस्ते ने की सघन जांच

गंडक नदी के कोप से बचाने के लिए जिले के आठ प्वाइंट पर बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. तटबंधों पर चल रहे कार्यों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए जलसंसाधन विभाग का उड़नदस्ता कार्यपालक अभियंता धनंजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में गोपालगंज पहुंचा.

By Prabhat Khabar News Desk | May 20, 2024 9:57 PM

गोपालगंज. गंडक नदी के कोप से बचाने के लिए जिले के आठ प्वाइंट पर बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. तटबंधों पर चल रहे कार्यों की गुणवत्ता की जांच करने के लिए जलसंसाधन विभाग का उड़नदस्ता कार्यपालक अभियंता धनंजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में गोपालगंज पहुंचा. उड़नदस्ते ने सारण तटबंध पर बांसघाट मसुरिया में बनाये जा रहे स्लुइस गेट, सलेहपुर-टंडसपुर में बचाव कार्य, बरौली के सरफरा में निर्माण कार्य को देख कर उसकी गहनता से जांच की. अधिकारियों को डीपीआर के अनुरूप कार्य करने का निर्देश दिया. उड़नदस्ते की जांच के दौरान विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार से लेकर स्थानीय इंजीनियर, एक्सपर्ट, संवेदक मौजूद रहे. उड़नदस्ते ने जिले के तटबंधों पर आठ वीक प्वाइंट को गंभीरता से एक्सपर्ट की ओर से तैयार डीपीआर का आकलन कर उसके हिसाब से काम को हर हाल में 31 मई तक काम को पूरा कराने का आदेश दिया. जांच के दौरान हड़कंप मचा रहा. यहां बता दें कि चुनाव के कारण तटबंधों पर बचाव कार्यों की मंजूरी चुनाव आयोग से लेने में लेट से काम शुरू हुआ. अब विभाग के पास 15 जून में महज 25 दिन का समय बचा हुआ है. विभाग हर हाल में 31 मई तक वर्क को पूरा करा लेने में जुटा है. मॉनसून के 15 जून तक पहुंचने के आसार बने हुए हैं. डुमरिया घाट पुल के नीचे सिल्ट के जमा होने से बाढ़ का खतरा बना हुआ है. पानी के खिंचाव में दिक्कत होने से बरौली, सिधवलिया, मांझा, सदर, कुचायकोट प्रखंड में सर्वाधिक खतरा बना हुआ है. विभाग के अधिकारी भी इसको लेकर मंथन करने में जुटे हैं. जिले के छह प्रखंड कुचायकोट, सदर, मांझा, बरौली, सिधवलिया व बैकुंठपुर प्रखंड के 3.64 लाख की आबादी बाढ़ के खतरे में रहता है. लोगों के जान-माल का खतरा बना रहता है. साल-दर-साल बाढ़ से दियारे के लोग बर्बाद होते रहे हैं. इस बर्बादी को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग के सामने बड़ी चुनौती है. गंडक नदी के कटाव से सदर प्रखंड के कटघरवा, मकसूदपुर, खाप, मेहंदिया, भोजली, रजवाही, धर्मपुर, निरंजना, कुचायकोट प्रखंड के विशंभर पुर, भसही, कालामटिहानी वार्ड नं एक, वार्ड नं तीन, हजाम टोली, अहीर टोली, टांड पर, बरौली प्रखंड के सिमरिया, रूप छाप, मोहदीपुर, पकडियां समेत 169 गांव उजड़ चुके हैं.

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