Gopalganj News : भाजपा नेताओं का फोटो नहीं होने पर नाराजगी के बाद बदला गया बैनर
प्रगति यात्रा के पोस्टर को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच तकरार बढ़ गयी है. समाहरणालय गेट पर लगायी गयी होर्डिंग में एनडीए के नेताओं की तस्वीर गायब होने पर बीजेपी नेताओं ने विरोध जताया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को पोस्टर से हटा दिया गया था, जबकि जेडीयू नेताओं की तस्वीरें लगायी गयी थीं. बीजेपी नेताओं के दबाव में आनन-फानन में नया पोस्टर लगाया गया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर भी शामिल की गयी.
गोपालगंज. प्रगति यात्रा के पोस्टर को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच तकरार बढ़ गयी है. समाहरणालय गेट पर लगायी गयी होर्डिंग में एनडीए के नेताओं की तस्वीर गायब होने पर बीजेपी नेताओं ने विरोध जताया. खासकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को पोस्टर से हटा दिया गया था, जबकि जेडीयू नेताओं की तस्वीरें पोस्टर पर प्रमुखता से लगायी गयी थीं. इसके बाद, बीजेपी नेताओं के दबाव में आनन-फानन में नया पोस्टर लगाया गया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर भी शामिल की गयी. हालांकि, प्रगति यात्रा में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, मंत्री जनक राम और मंत्री कृष्णनंदन पासवान मौजूद थे, लेकिन उनके पोस्टर में कहीं भी तस्वीर नहीं थी. बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि जेडीयू के कुछ नेताओं ने जान बूझकर भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं की तस्वीरें हटा दी हैं. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में राजग की डबल इंजन सरकार है और भाजपा-जेडीयू मिलकर सरकार चला रहे हैं. उन्होंने इस प्रकार के कृत्य को गठबंधन धर्म का उल्लंघन बताया और कहा कि बिहार का विकास प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हो रहा है.
भाकपा माले के नेताओं को किया गया हाउस अरेस्ट
प्रगति यात्रा के दौरान भाकपा माले के छह नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया. पुलिस ने सुबह सात बजे से लेकर शाम चार बजे तक इन नेताओं को नजरबंद कर दिया. आशंका जतायी जा रही थी कि ये नेता सीएम की यात्रा का विरोध करेंगे और काला झंडा दिखाने की योजना बना रहे थे. जिन नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया, उनमें भाकपा माले के प्रमुख नेता अजात शत्रु, जितेंद्र पासवान, और रविंद्र सिंह कुशवाहा भी शामिल हैं. भाकपा माले के नेता अजात शत्रु ने इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य मुख्यमंत्री से जनता की मांग रखनी थी. जिसे उन्होंने खुद अपनी घोषणा में उल्लेखित किया था. अजात शत्रु के अनुसार, नीतीश कुमार ने भूमिहीनों को जमीन और गरीबों को रोजगार हेतु अनुदान ऋण देने का वादा किया था, जिसे वे उठाना चाहते थे. हालांकि, पुलिस की तैनाती और नेताओं के हाउस अरेस्ट के कारण उनका विरोध अभियान विफल हुआ.इंट्री पास होने पर भी जाने से रोका, धरना पर बैठे जदयू नेता
सिधवलिया.
मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के लिए पास होने के बावजूद प्रशासन द्वारा कार्यक्रम स्थल पर नहीं जाने देने से नाराज जदयू के कई नेता मुख्य द्वार पर ही धरना पर बैठ गये. इनमें जदयू के जिला उपाध्यक्ष शंभुनाथ सिंह, बरौली के अध्यक्ष रामपुकार प्रसाद, जलालपुर के मुखिया गुड्डू सिंह सहित कई नेता थे. जदयू के जिला उपाध्यक्ष शंभूनाथ सिंह का आरोप था कि प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पास निर्गत किया गया था. बड़ी संख्या में जदयू के कार्यकर्ता कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आये थे. लेकिन, प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मुख्य द्वार पर ही रोके रखा गया, जिससे नाराज कार्यकर्ता धरने पर बैठ गये. जैसे ही कार्यकर्ता धरने पर बैठे कि वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दी, तब जाकर कार्यकर्ताओं को अंदर जाने दिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है