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गरीबों को मिल रहा सड़ा हुआ चावल, डीएम ने लिया संज्ञान

गरीबों के भाग्य में सड़ा हुआ चावल मिल रहा है. विभाग के डर से कोई भी डीलर मुंह नहीं खाेल पा रहा. आरोप है कि जो डीलर मुंह खोल रहा है, उसे माफिया तबाह कर दे रहे हैं. उनको धमकी तक दी जाती है.

चिंता. विभाग के डर से मुंह नहीं खाेल पा रहे डीलर, फ्री के अनाज पर माफियाओं का डाका क्शन में आये डीएम, तो यूपी के बाजार से खराब चावल खरीद कर राइस मिल कर रही आपूर्ति अअ भी 21 एमटी चावल की नहीं हो सकी आपूर्ति, महज छह दिनों का मौका प्रभात एक्सक्लूसिव फोटो नं 06- बथना कुट्टी जनवितरण दुकान की जांच करने पहुंचे एसएफसी के जिला प्रबंधक. फोटो नं 07- कटेया राइस मिल के द्वारा कराया गया सड़ा चावल की आपूर्ति. फोटो नं 08- डीलर को उपलब्ध कराया गया सड़ा चावल. फोटो नं 09- डीलर को उपलब्ध कराया गया सड़ा चावल. संजय कुमार अभय, गोपालगंज गरीबों के भाग्य में सड़ा हुआ चावल मिल रहा है. विभाग के डर से कोई भी डीलर मुंह नहीं खाेल पा रहा. आरोप है कि जो डीलर मुंह खोल रहा है, उसे माफिया तबाह कर दे रहे हैं. उनको धमकी तक दी जाती है. गरीबों को मिलने वाले फ्री के अनाज पर माफियाओं का कब्जा है, जो धान क्रय केंद्र से लेकर एसएफसी के गोदाम तक, डीलर तक अपना दबदबा बनाये रखे हैं. प्रभात खबर ने सड़े हुए चावल की आपूर्ति की खबर को उजागर किया, तो डीएम मकसूद आलम एक्शन में आ गये. डीएम के एक्शन में आते ही माफियाओं की बेचैनी बढ़ गयी है. पूरे मामले पर जब नजर डालेंगे, तो साफ होगा कि किसानों से खरीदे जाने वाले धान को क्रय केंद्र संबद्ध राइस मिल को उपलब्ध कराता है. राइस मिल उससे चावल तैयार कर एसएफसी के गोदाम को उपलब्ध कराती है. एसएफसी के गोदाम पर राइस मिलों से चावल लेने के लिए बजाप्ता एजीएम के साथ क्वालिटी कंट्रोल अफसर तैनात हैं. अगर दब क्वालिटी का चावल राइस मिल पहुंचा रही है, तो एसएफसी के द्वारा लेने से इंकार किया जाता है. यहां किसी डीलर ने हिम्मत कर शिकायत कर दी, तो उसके सड़े हुए चावल को बदलने का खेल हो रहा है. जो शिकायत नहीं कर पा रहे, उनको गरीबों को सड़ा हुआ, कीड़ा लगा हुआ चावल दिया जा रहा है. सदर एसडीओ डॉ प्रदीप कुमार की तरफ से डीएम को भेजी गयी जांच रिपोर्ट से भी इस पूरे खेल का उद्भेदन हो रहा है. एसडीओ की जांच रिपोर्ट के बाद डीएम ने इसे गंभीरता से लिया है. एजीएम व क्वालिटी कंट्रोल अफसर व राइस मिल से जवाब तलब डीएम के एक्शन में आने के बाद एसएफसी के जिला प्रबंधक कुंदन कुमार ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करने की बात कही है. जिला प्रबंधक ने बताया कि सड़े हुए चावल की आपूर्ति की जानकारी मिलने के बाद बथना व जलालपुर जनवितरण की दुकान की जांच की गयी. कुछ बोराें में सड़ा हुआ चावल मिला. उसके बाद गोपालगंज गोदाम के एजीएम व क्वालिटी कंट्रोल अफसर से जवाब तलब किया गया है. साथ ही कटेया व्यापार मंडल के राइस मिल से भी जवाब तलब किया है. आखिर सड़े हुए चावल की आपूर्ति कैसे हुई. कुचायकोट के एजीएम को दी गयी व्यवहार बदलने की चेतावनी एसएफसी के जिला प्रबंधक कुंदन कुमार ने बताया कि क़ुचायकोट के एजीएम के खिलाफ कुछ डीलरों ने अभद्र व्यवहार करने की शिकायत की. उसके बाद एजीएम से जवाब तलब करते हुए उनको चेतावनी दी गयी है कि अपने व्यवहार को बदलें. डीलरों से बेहतर संबंध बनाकर रखें. अब शिकायत मिलेगी, तो विभागीय कार्रवाई की जायेगी. —————————————————————— अभी इन प्रखंडों में बकाया है चावल की आपूर्ति प्रखंड का नाम एमटी चावल थावे 00. 83 सिधवलिया 00.67 बरौली 01.50 कटेया- 05.51 भोरे 06.58 फुलवरिया 05.76 कुल 21.00 तो बाजारों से खरीदा जा रहा सड़ा हुआ चावल ! धान खरीद से जुड़े जानकार ने बताया कि क्रय केंद्रों ने किसानों के पास जो धान था, उसे तो खरीद लिया. उसमें कुछ क्रय केंद्रों ने किसानों के बदले अपने सगे-संबंधियों, करीबियों के नाम पर कागज में खरीद लिया. उसे बीसीओ से सत्यापित भी करा लिया. कागज में ही राइस मिलों से चावल तैयार करा कर एसएफसी को यूपी के बाजार से चावल खरीद कर आपूर्ति कर देनी थी. कुछ सेटिंग पर यूपी के एफसीआइ के गोदाम से चावल लेकर आपूर्ति कर ली. इस वर्ष यूपी के बाजार में चावल काफी महंगा हो गया है. अब एक क्विंटल चावल लेते हैं, तो 180 से 200 रुपये का अंतर आ रहा है. जिससे मोटा घाटा हो रहा है. इस घाटे को देख क्रय केंद्र ने चुप्पी साध ली. डीएम के स्तर पर जब मॉनीटरिंग की गयी, तो यूपी के बाजारों से सड़े हुए चावल को मंगाकर आपूर्ति की जा रही है. जांच हो जाये, तो खेल सामने आ जायेगा. सड़े हुए चावल की हो रही जांच : डीएम डीएम मो मकसूद आलम ने बताया कि सड़े हुए चावल डीलरों को देने के मामले की जांच हो रही है. जांच में जो दोषी होगा, उसपर कार्रवाई तय है. कार्रवाई तो कुछ अधिकारियों पर भी हो सकती है.

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