बलथरी चेकपोस्ट से लेकर बैकुंठपुर तक सेटिंग से चलता था गोरखधंधा
उत्तर प्रदेश से गोपालगंज के रास्ते बिहार के अलग-अलग जिलों में मवेशियों की तस्करी हो रही है. पशु तस्करों के लिए यह इलाका सेफजोन बनता जा रहा है. पुलिस की सुस्ती और बलथरी चेकपोस्ट पर जांच में लापरवाही से मवेशी तस्करों का गिरोह फिर सक्रिय हो गया है.
गोपालगंज. उत्तर प्रदेश से गोपालगंज के रास्ते बिहार के अलग-अलग जिलों में मवेशियों की तस्करी हो रही है. पशु तस्करों के लिए यह इलाका सेफजोन बनता जा रहा है. पुलिस की सुस्ती और बलथरी चेकपोस्ट पर जांच में लापरवाही से मवेशी तस्करों का गिरोह फिर सक्रिय हो गया है.पशु तस्करों की बढ़ती सक्रियता और बड़े स्तर पर सेटिंग की वजह से चेकपोस्ट पर आसानी से गाड़ियां पार कर जा रही. जिला प्रशासन की तमाम मल्टी जांच एजेंसियों को गच्चा देकर एक साथ पांच कंटेनर ट्रक में भरे मवेशी पार हो रही. बीते 28 मई काे बलथरी में पुलिस की चेकपोस्ट पार करने के बाद उत्पाद टीम, परिवहन विभाग, एमवीआइ और जीएसटी विभाग की टीम को भी मवेशियों से भरे कंटनेर ट्रक धोखा दे गये और 141 भैंसें तस्करी के लिए आगे चली गयीं. मामले की जानकारी जब पुलिस कप्तान स्वर्ण प्रभात को मिली, तब प्रशिक्षु डीएसपी संदीप कुमार के नेतृत्व में डीआइयू की टीम गठित कर छापेमारी की गयी. बैकुंठपुर में ट्रकों को पकड़ा गया. पुलिस ने इस दौरान 11 पशु तस्कर समेत 20 लोगों को गिरफ्तार किया. पशु तस्करों से हुई पूछताछ में यूपी-बिहार के पशु तस्करों का कुख्यात माफिया अहमद रजा का नाम सामने आया. कुख्यात माफिया अहमद रजा को पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है. हालांकि डीआइयू और पुलिस की एसआइटी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने का दावा कर रही है. पुलिस की कार्रवाई में सामने आया है कि यूपी के बुलंदशहर, शामली, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद जिले से अधिकतर मवेशियों को तस्करी कर लाया जा रहा है. मवेशियों की तस्करी करने के लिए उस इलाके के तस्करों को भी लगाया जा रहा है. बीते 28 मई को हुई कार्रवाई में इसी शहर के रहनेवाले पशु तस्करों की गिरफ्तारी हुई है.
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