गुजरात से छापेमारी कर लौटी टीम, कैलिफोर्नियम जैसा पदार्थ लाने वाले खजांची का नहीं मिला सुराग
50 ग्राम वजन वाले कैलिफोर्नियम जैसा दिखने वाले पदार्थ की बरामदगी के मामले में पुलिस टीम जांच और छापेमारी करने के बाद गुजरात से लौट आयी. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के रहनेवाले खजांची कुशवाहा के बारे में पुलिस टीम को कोई सुराग नहीं मिल सका.
गोपालगंज. 50 ग्राम वजन वाले कैलिफोर्नियम जैसा दिखने वाले पदार्थ की बरामदगी के मामले में पुलिस टीम जांच और छापेमारी करने के बाद गुजरात से लौट आयी. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के रहनेवाले खजांची कुशवाहा के बारे में पुलिस टीम को कोई सुराग नहीं मिल सका. पुलिस की जांच में सामने आया है कि खजांची कुशवाहा गुजरात से पदार्थ को तस्करी कर लाया था और उसके कैलिफोर्नियम होने का दावा करते हुए बिक्री की योजना थी. गिरफ्तार किये गये तीन तस्करों ने भी पुलिस को पूछताछ में यह पदार्थ खजांची कुशवाहा से ही मिलने की बात कही है. खजांची कुशीनगर जिला के तमकुही राज थाना क्षेत्र के सियराहा गांव का रहनेवाला है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसके घर पर भी टीम ने छापेमारी की है. रिश्तेदारों के यहां लोकेशन मिलने पर वहां भी यूपी पुलिस के सहयोग से छापेमारी की गयी है, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका. गुजरात में भागने की सूचना मिली, तो पुलिस टीम गुजरात भी गयी, जहां से खाली हाथ लौट गयी. खजांची के पास गुजरात से यह पदार्थ कैसे पहुंचा, इसका खुलासा नहीं हो सका है. पुलिस के सूत्र बता रहे हैं कि खजांची के साथ ही तीनों युवक काम करते थे. खजांची जब घर लौटा, तो इन तस्करों को पदार्थ दे दिया. तीनों तस्कर चंदन राम, चंदन गुप्ता और छोटेलाल प्रसाद ने काला हीरा समझकर रख लिया और बीते 9 अगस्त को यूपी के रास्ते गोपालगंज में बेचने की नीयत से प्रवेश करने लगे, जहां पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर इन्हें गिरफ्तार कर लिया. बलथरी चेकपोस्ट के पास से गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने खजांची समेत चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की और तीनों को जेल भेज दिया. वहीं, जेल भेजने के बाद से पुलिस टीम और सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं. वहीं, एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि तस्करों के पास से जब्त किये गये 50 ग्राम पदार्थ से किसी तरह का रेडिएशन नहीं निकल रहा है. विशेषज्ञों ने कहा है कि रेडिएशन नहीं निकल रहा है, तो यह पदार्थ कैलिफोर्नियम नहीं है. एसपी ने कहा कि यह पदार्थ क्या है, इसकी जांच के लिए एफएसएल लैब में भेजा जायेगा. भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) के वैज्ञानिकों ने सैंपल लिया है. पदार्थ की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि यह क्या है.
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