Gopalganj News : जिले में पश्चिमी विक्षोभ से कोल्ड-डे जैसा रहा मौसम

हिमालय पर हुई बर्फबारी के साथ पश्चिमी विक्षोभ गोपालगंज समेत पूरे उत्तर बिहार में सक्रिय हो उठा. सर्द हवा के साथ कोहरा के साथ शीतलहर चलने लगा. सीजन का पहला कोल्ड-डे बना रहा. घने कोहरे के साथ चल रहे कोल्ड वेब के कारण वाहनों के परिचालन पर भी गंभीर असर पड़ा. सूर्यदेव के दर्शन दोपहर बाद थोड़ी देर के लिए हुए.

By Prabhat Khabar News Desk | January 4, 2025 9:21 PM

गोपालगंज. हिमालय पर हुई बर्फबारी के साथ पश्चिमी विक्षोभ गोपालगंज समेत पूरे उत्तर बिहार में सक्रिय हो उठा. सर्द हवा के साथ कोहरा के साथ शीतलहर चलने लगा. सीजन का पहला कोल्ड डे बना रहा. घना कोहरा के साथ चल रहे कोल्ड वेब के कारण वाहनों के परिचालन पर भी गंभीर असर पड़ा. सूर्यदेव के दर्शन दोपहर बाद थोड़ी देर के लिए हुए. ऐसे में लोग अपने घरों में दुबके रहे. बहुत जरूरी काम से जो बाहर निकले वह गर्म कपड़ों से खुद को ढके हुए दिखे. सर्द पछुआ हवा में नमी सामान्य दिनों की तुलना में अधिक होने से ठंड का असर कम नहीं हुआ. दिनभर हवा चलने के कारण रात में ठंड ने लोगों को कंपा दिया. मौसम वैज्ञानिक डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि पहाड़ों पर बर्फबारी की वजह से ही हवा में नमी अधिक हो गयी है. ठंड भी बढ़ने का यही कारण है. दो दिन बाद से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. इसके बाद ठंड और बढ़ने के आसार हैं. शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है. मौसम विभाग की ओर से तड़के मॉर्निंग वॉक पर जाने और देर रात यात्रा करने वालों के लिए चेतावनी जारी की गयी है. लोगों से कहा गया है कि सुबह सात बजे के बाद टहलने निकलें. साथ ही रात को 10 बजे से पहले तक सुरक्षित जगह पर पहुंच जाएं.

सर्द पछुआ हवा 8.6 किमी की रफ्तार से चली

शनिवार को अधिकतम तापमान औसत से 3.8 डिग्री सेल्सियस कम होकर 17.1 पर पहुंच गया. न्यूनतम तापमान शनिवार को 7.6 रहा, जो कि सामान्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस कम रिकॉर्ड किया गया. आर्द्रता 78 प्रतिशत पर पहुंच गयी, जबकि पछुआ हवा 8.6 किमी के रफ्तार से चलती रही.

15 तक ठंड के ऐसे ही बने रहने के आसार

मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता बने रहने से तापमान थोड़ा बढ़ता भी है, तब भी ठंड का असर 15 जनवरी तक इसी तरह रहने की संभावना है. यहां नारायणी नदी के होने के कारण ठंड के दौरान धुंध और कोहरे का असर तेज रहता है. हवा में नमी की मात्रा अधिक होने धुंध लगातार बनी हुई है.

पाला पड़ने की संभावना

मौसम विशेषज्ञ डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि जैसे-जैसे रात का तापमान नीचे जा रहा है, पाला पड़ने की संभावना बढ़ गयी है. उन्होंने बताया कि पाला से फसलों को बचाने के लिए उसमें सिंचाई करने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि पाला पड़ने की वजह से फसलों की कोशिकाओं में मौजूद पानी जमकर बर्फ बन जाता है जिससे कोशिका की दीवारें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. पाला का सबसे ज्यादा असर सब्जियों, पपीता, आम, अमरूद पर होता है. फसलों को पाले से बचने के लिए उसके आसपास धुआं करना चाहिए.

ठंड में ऐसे करें बचाव

बनारस अस्पताल के डॉ प्रवीण तिवारी ने इस मौसम में नहाते समय सीधे सिर पर पानी न डालने और हृदय, सांस और दूसरे रोगियों को ठंड से विशेष रूप से बचने की सलाह दी है. सुबह जब जगें, तो कमरे से बाहर अचानक न निकलें. गर्म कपड़े पहनें और हल्की कसरत करें. कमरे में ही दौड़ने वाली कसरत कर सकते हैं. जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जाती है शरीर को ज्यादा ऊर्जा की जरूरत पड़ती है. ऐसे में शरीर को ज्यादा भोजन की जरूरत भी महसूस होती है. आपको जमकर खाना है. शरीर को गर्माहट देने के साथ पैदल चलने का सबसे बड़ा फायदा रक्त संचार को मिलता है. नियमित तौर पर पैदल चलने से ब्लड सर्कुलेशन अर्थात रक्त संचार बेहतर होता है. घर के अंदर ही 40 मिनट तक पैदल चल सकते हैं.

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