कंबाइन के चालक आये नहीं, खेत में जाने से हिचकिचा रहे मजदूर
गोपालगंज : गेहूं की फसल कटनी के लिए तैयार है. कोरोना का लॉकडाउन चल रहा है. हर व्यक्ति एक दूसरे से डर रहा है. ऐसे में कटनी करेगा कौन? इसको लेकर किसान चिंतित हैं. अब तक एक भी कंबाइन चालक जिला में नहीं पहुंचे हैं. मजदूर भी खेतों से जाने से हिचकिचा रहे हैं. ऐसे […]
गोपालगंज : गेहूं की फसल कटनी के लिए तैयार है. कोरोना का लॉकडाउन चल रहा है. हर व्यक्ति एक दूसरे से डर रहा है. ऐसे में कटनी करेगा कौन? इसको लेकर किसान चिंतित हैं. अब तक एक भी कंबाइन चालक जिला में नहीं पहुंचे हैं. मजदूर भी खेतों से जाने से हिचकिचा रहे हैं. ऐसे में एक बार किसानों के मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है. इस बार जिले में 97 हजार हेक्टेयर लक्ष्य के एवज में जिला के किसानों ने 87 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की है. जिले में 40 से 45 हजार हेक्टेयर गेहूं की कटनी कंबाइन हार्वेस्टर द्वारा की जाती है.
शेष कटनी मजदूर करते हैं. जिले में लगभग 19 कंबाइन तो हैं, लेकिन यहां इन्हें चलाने के लिए चालक नहीं हैं. हर साल चालक पंजाब और हरियाणा से बुलाये जाते हैं. इस बार चालक को बुलवाने के लिए जिला प्रशासन से परमिशन लेनी है. कुछ को परमिशन पास दे दिया गया है. लेकिन आखिर दूसरे परदेश से चालक आयें कैसे. जो पहले चालक तय किये गये हैं, वे भी आने से इनकार कर रहे हैं. कटनी के समय बड़े पैमाने पर मजदूर अपने घरों को आ जाते थे. पंजाब, हरियाणा, सुरत सहित देश के कई शहरों में जिले के 30 हजार से अधिक वैसे मजदूर फंसे हैं जो कटनी के लिए सीजन में अपने घर आ जाते थे. इस बार ये भी नहीं आ सकेंगे. ऐसे में कोरोना के संकट में गेहूं की कटनी इस बार भारी लग रही है.कटनी पर लॉकडाउन का प्रभाव नहींगेहूं की कटनी लॉकडाउन के प्रभाव से अलग है. किसान मशीन से या मजदूर से कटनी कराएं. कटनी के समय भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो तो कोई डर नहीं है.
वेद नारायण सिंह, डीएओ, गोपालगंज