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मॉडल सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में 137 दवाओं की लगी है सूची, मरीजों को आधी से अधिक नहीं मिलती

मॉडल सदर अस्पताल में इन दिनों सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा. यहां इमरजेंसी वार्ड में मरीजों के लिए 137 प्रकार की दवा मिलने की सूची लगायी गयी है.

गोपालगंज. मॉडल सदर अस्पताल में इन दिनों सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा. यहां इमरजेंसी वार्ड में मरीजों के लिए 137 प्रकार की दवा मिलने की सूची लगायी गयी है. लेकिन आधे से अधिक प्रकार की दवा नहीं है. इमरजेंसी वार्ड के अलावा स्टॉक रूम में भी दवा खत्म हो गयी है. मरीजों को डॉक्टर से दिखाने के बाद दवा बाहर से खरीदकर लानी पड़ रही है. परेशान मरीजों ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव से लेकर जिलाधिकारी के पास की है. इमरजेंसी वार्ड में इलाज कराने आयी ममता देवी, राजू कुमार, सचिन कुमार ने बताया कि हड्डी टूटने के बाद प्लास्टर कराना था, लेकिन बैंडेज से लेकर ब्लेड और रूई तक बाहर से खरीदकर लाना पड़ रहा है. वहीं, डायरिया से ग्रसित होकर पहुंची बुजुर्ग महिला के परिजनों ने बताया कि चिकित्सक ने डीएनएस स्लाइन चढ़ाने के लिए लिखा है, लेकिन इमरजेंसी वार्ड में यह दवा नहीं मिली और बाहर से खरीदकर लानी पड़ी है, तब जाकर मरीज का इलाज शुरू हुआ और सेहत में धीरे-धीरे सुधार होने लगा. इमरजेंसी वार्ड में भर्ती अमूमन मरीजाें की शिकायतें थीं कि डॉक्टर द्वारा लिखी गयी आधी से अधिक दवा नहीं मिल रही है. वहीं, इसीजी जांच के लिए भी बाहर से कर्मियों को बुलाना पड़ रहा है और उसका शुल्क जमा करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ मरीजों ने एसी काम नहीं करने और बेड पर रंगीन चादरें नहीं होने की शिकायत की. कुछ मरीजों ने इमरजेंसी वार्ड में साफ-सफाई नहीं होने और गंदगी की वजह से बदबू देने की बात कही. सदर अस्पताल प्रबंधक जान महम्मद ने कहा कि इमरजेंसी वार्ड में जो दवाएं नहीं है, उसे सूची में लाल कर दिया गया है. महत्वपूर्ण और जरूरी दवाएं मिल रही हैं. प्रबंधक ने कहा कि इमरजेंसी वार्ड के अलावा ओपीडी काउंटर के दवा काउंटर को 24 घंटे चालू रखा गया है. मरीज यहां से भी डॉक्टर के लिखे हुए पर्चा को दिखाकर नि:शुल्क दवा प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि वैसी दवाएं, जो नहीं हैं, उसकी सूची तैयार कराकर डिमांड की जायेगी. इमरजेंसी वार्ड में मरीजों की अच्छी-खासी संख्या प्रतिदिन रहती है. आंकड़ों पर गौर करें, तो यहां प्रतिदिन औसतन 250 से 300 की संख्या में मरीज आते हैं. भवन पुराना एवं छोटा होने के कारण यह 35 बेडों का ही अस्पताल है. दवा स्टोर रूम के अलावा डॉक्टरों का दो-दो कक्ष है. हल्की बारिश होने के बाद यहां पानी जमा हो जाता है. ऐसे में नया भवन बनने के बाद इमरजेंसी वार्ड की तमाम समस्याएं दूर होने की उम्मीद जतायी जा रही है.

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