संसार की है यह ऐसी लड़ाई, जीतेगा वही जो घर में रहेगा
पंचदेवरी : कोरोना संकट ज्यों-ज्यों गहराता जा रहा है, समाज का हर जिम्मेदार व्यक्ति इस जंग में खुद शामिल होता जा रहा है. चाहे जिस माध्यम से हो, ऐसे सभी लोग कोरोना से जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं व इस विषम परिस्थिति में देश का साथ दे रहे हैं. ऐसे ही लोगों में […]
पंचदेवरी : कोरोना संकट ज्यों-ज्यों गहराता जा रहा है, समाज का हर जिम्मेदार व्यक्ति इस जंग में खुद शामिल होता जा रहा है. चाहे जिस माध्यम से हो, ऐसे सभी लोग कोरोना से जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं व इस विषम परिस्थिति में देश का साथ दे रहे हैं. ऐसे ही लोगों में एक नाम प्रखंड के भाठवां निवासी इंटर कॉलेज के शिक्षक व शिक्षाविद् विवेकानंद मिश्र का भी है. ये अपनी लेखनी से लोगों में ऐसी सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहे हैं, वे कोरोना से जंग में जीत के लिए घर से बाहर नहीं निकलने, संयमित व स्वच्छ रहने तथा वर्तमान में अपनी जिम्मेदारियों को समझने का संदेश लोगों को दे रहे हैं. लॉकडाउन में उनकी पंक्तियां ‘तू कहीं भी रहेगा, नजर में रहेगा.
रहेगा नहीं तू,जब सफर में रहेगा. संसार की पहली लड़ाई है ये. जीतेगा वही जो घर में रहेगा’ सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. लोग इन पंक्तियों को काफी पसंद भी कर रहे हैं. विवेकानंद मिश्र अपनी रचना ‘वह जाम पर जाम पीता जाता है. फैसला कुछ भी हो, लिखा जाता है. फतह सिर्फ मैदानों में ही नहीं होते. घर में रहकर भी जंग जीता जाता है’ से लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि ये कोरोना से जंग ऐसी लड़ाई है, जिसे हम घर के अंदर रहकर ही जीत सकते हैं. प्रभात खबर से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि इस संकट को विश्व के अधिकतर देश झेल रहे हैं. हम सभी इस तरह अपना साथ दें, कि हमारा देश इससे उबर जाए. यह तभी संभव है,जब हम घर से बाहर नहीं निकलेंगे, सामाजिक दूरी कायम रखेंगे .
लॉकडाउन में उनकी पंक्तियां ‘तू कहीं भी रहेगा, नजर में रहेगा. रहेगा नहीं तू,जब सफर में रहेगा. संसार की पहली लड़ाई है ये. जीतेगा वही जो घर में रहेगा’ सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं. लोग इन पंक्तियों को काफी पसंद भी कर रहे हैं. विवेकानंद मिश्र अपनी रचना ‘वह जाम पर जाम पीता जाता है. फैसला कुछ भी हो, लिखा जाता है. फतह सिर्फ मैदानों में ही नहीं होते. घर में रहकर भी जंग जीता जाता है’ से लोगों को यह संदेश दे रहे हैं कि ये कोरोना से जंग ऐसी लड़ाई है, जिसे हम घर के अंदर रहकर ही जीत सकते हैं.
प्रभात खबर से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि इस संकट को विश्व के अधिकतर देश झेल रहे हैं. हम सभी इस तरह अपना साथ दें, कि हमारा देश इससे उबर जाए. यह तभी संभव है,जब हम घर से बाहर नहीं निकलेंगे, सामाजिक दूरी कायम रखेंगे .