दंपती पर जानलेवा हमले में 11 साल बाद तीन को मिली सजा
मांझागढ़ थाने के परशुरामपुर गांव में हुआ था जानलेवा हमला, एडीजे-पांच योगेश कुमार गोयल की कोर्ट ने सुनायी सजा
गोपालगंज. मांझा थाना क्षेत्र के परशुरामपुर गांव में करीब 11 साल पूर्व दंपती पर हुए जानलेवा हमले में एडीजे-5 योगेश कुमार गोयल की कोर्ट ने तीन आरोपित को दोषी पाते हुए पांच व तीन वर्ष के कारावास तथा पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. वर्ष 2013 में हुई इस घटना की सुनवाई सत्र न्यायालय में पिछले कुछ समय से चल रही थी. तीन जून 2013 को मांझागढ़ थाने के परशुरामपुर गांव में पूर्व से चल रहे विवाद को लेकर उमरावती देवी तथा उनके पति सकलदेव साह को कुछ लोगों ने जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. मामले को लेकर उमरावती देवी के बयान पर मांझा थाने में सीवान जिले के बड़हरिया थाने के सदरपुर गांव के मूल निवासी तथा तब परशुरामपुर गांव में ही रह रहे रामनरेश सिंह, जंगबहादुर सिंह, मीना देवी तथा उषा देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अनुसंधानकर्ता की ओर से आरोप पत्र समर्पित किए जाने के बाद मामले की सुनवाई सत्र न्यायालय में चल रही थी. इसी दौरान रामनरेश सिंह की मृत्यु हो गयी. अभियोजन पक्ष से एपीपी अरविंद कुमार सिंह तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता मनोज कुमार शर्मा एवं प्रेमचंद प्रसाद की तरफ से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर सत्र न्यायालय ने जंगबहादुर सिंह, उषा देवी तथा मीना देवी को भादवि की धारा 326 के तहत दोषी पाते हुए जंगबहादूर सिंह को पांच साल का कारावास तथा पांच हजार रुपए अर्थदंड एवं मीना देवी व उषा देवी को तीन-तीन साल के सश्रम कारावास तथा पांच- पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी.
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