गोपालगंज. गंडक नदी से तबाही रोकने के लिए जल संसाधन विभाग हाइअलर्ट मोड में है. गंडक नदी का सीधा अटैक कुचायकोट प्रखंड के अहिरौली दान से बिशुनपुर बांध पर है, तो सदर प्रखंड के पतहरा, मांझा में निमुइया में, बरौली में सलेपुर तटबंध पर है. बांध पर सीधा अटैक होने के कारण जलसंसाधन विभाग उसी हिसाब से बचाव कार्य में जुटा है. सलेहपुर-टंडसपुर तटबंध, बैकुंठपुर के महारानी छरकी, बंधौली, फैजुल्लाहपुर, शतलपुर बांध विशेष संवेदनशील है. बांध पर नदी का दबाव सितंबर तक बना रहता है. बांध सुरक्षित रहे यह विभाग के लिए बड़ी चुनौती है. उधर, जल संसाधन विभाग की ओर से भसहीं में नदी के बाहर बेडवार बनाये जा रहे हैं. इससे गंडक नदी की तेज धारा को मोड़ने में काफी सहूलियत होगी. कुचायकोट प्रखंड के सलेहपुर जीरो प्वाइंट से लेकर 1.50 भसहीं व 5 से 6 किलोमीटर व 6 से 7 किमी के बीच गंडक नदी से बचाव के लिए कराये जा रहे कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. नदी की धारा को कम करने के लिए विभाग के द्वारा 39 बेडवार को बनाने का काम अंतिम दौर में है. अभियंताओं का दावा है कि यह तकनीक नदी की धारा मोड़ने में सफल रही है. अहिरौलीदान से बिशुनपुर तटबंध पर सात करोड़ की लागत से बचाव कार्य हो रहा है. विभाग नयी तकनीकी से बचाव कार्य को पूरा कराने में जुटा है. भसहीं- विशंभरपुर भगवानपुर के पास कई डेंजर प्वाइंटों पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है. जिओ बैग के प्रयोग से 39 बेडवार व पारको पाइन के द्वारा कराये जा रहे हैं, जिससे बाढ़ के संकट से जिले को बचाया जा सके. यहां से कुचायकोट ब्लॉक के साथ सदर ब्लॉक को भी खतरा रहता है. बचाव कार्यों में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो, इसके लिए उड़नदस्ता भी मौके पर जांच कर चुका है. उधर, कार्यपालक अभियंता कुमार बृजेश के नेतृत्व में सहायक अभियंता एकता कुमारी, कनीय अभियंता मो माजिद, दिनेश कुमार की देखरेख में लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है. निर्धारित समय पर हर हाल में कार्य को पूरा करना है.
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