बरौली. कभी जिस सड़क पर पूरे दिन बाइक, साइकिल, पैदल तथा चारपहिया वाहन भी गुजरते थे और कभी सड़क राहगीरों से खाली नहीं रहती थी. हालांकि उस समय सड़क कच्ची थी फिर भी प्रतिदिन हजारों राहगीर गुजरते थे. इस सड़क से छोटा बढ़ेयां, कलकलहां, संड़ार, हलवार, बनकट, पिपरा, कल्याणपुर, मधुबनी, मठिया, बरहिमा, करसघाट, सलेहपुर, अमरपुरा, हसनपुर, सरेयां, बलरा सहित अन्य कई गांवों के ग्रामीण बरौली आते थे, क्योंकि यह सड़क करीब पांच से छह किमी की दूरी कम कर देती थी, लेकिन 2020 के जुलाई में आयी बाढ़ के बाद अब उस सड़क के हालात ये हैं कि इससे गुजरने से पैदल राहगीर भी कतराते हैं. एक तरह से यह सड़क लगभग बंद हो गयी है. कारण एक ही है कि बाढ़ में यह सड़क पानी में डूब गयी थी. इस पर बनी पुलिया ज्यों-की-त्यों है, लेकिन उसके दोनों ओर की सड़क करीब 50-50 फुट में गायब हो गयी है. पानी सड़क को अपने साथ बहा ले गया. यह सड़क बरौली बाजार से भड़कुइयां तिवारी टोला से छोटा बढ़ेयां, हलुआर आदि से गुजरकर मधुबनी हाइवे पर मिलती है, लेकिन सड़क की यह दुर्दशा तिवारी टोला से छोटा बढ़ेयां के बीच है. बाढ़ से कुछ दिन पहले सड़क पर तिवारी टोला से लेकर छोटा बढ़ेयां तक पीसीसी कराया गया था, स्थिति ये रही कि सोलिंग की ईंटें भी आसपास के खेतों में फैल गयी थीं, जिसे किसानों ने बाद में सड़क पर बने गड्ढों में डाला. करीब दो किमी लंबी इस सड़क पर केवल गड्ढे-ही-गड्ढे हैं और इन गड्ढों में लंबी-लंबी झाड़ियां उग आयी हैं, जो इस सड़क पर राहगीरों के नहीं आने का परिचय देती हैं. अगर कोई दुस्साहसी राहगीर सड़क पर जाने का दुस्साहस भी करता है, तो चोटिल होकर ही वापस लौटता है. छोटा बढ़ेयां, भड़कुइयां तथा अन्य कई गांवों के ग्रामीण सड़क के लिए विधायक से मिले, चेयरमैन से मिले, लेकिन किसी के द्वारा सार्थक प्रयास नहीं किया गया है. नतीजतन सड़क का वजूद खत्म होते जा रहा है. अब कुछ दिन और ऐसा ही रहा, तो सड़क का निशान भी मिट जायेगा जिसकी पूरी जवाबदेही प्रशासन की होगी.
सिंगल रूट होने से हाइवे बना खतरनाक
बरौली प्रखंड के मिर्जापुर, प्यारेपुर और देवापुर में एनएच 27 का काम प्रगति पर है और यहां सिक्स लेन का निर्माण हो रहा है. यह निर्माण पिछले कई महीनों से चल रहा है और जब से यह निर्माण शुरू है, यातायात काफी प्रभावित हुआ है. इसे संयाेग हीं कहेंगे की अब तक इस तीन किमी की दूरी में कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई है, छोटी-छोटी दुर्घटनाएं तो आम बात है. बाइक सवार रोजाना गिरते हैं और छोटी गाड़ियां भी आपस में सट जाती हैं. हाइवे का डिवाइडर मिर्जापुर से लेकर देवापुर तक हटा दिया गया है इसलिये गाड़ियों के लिये लेन से लेन में जाने के लिये कोई बाध्यता नहीं रह गयी है. इसके अलावा देवापुर में पुल और अंडरपास निर्माण के कारण पूर्व के एक लेन को हीं दो भागों में बांट कर यातायात परिचालन हो रहा है, इससे भी हाइवे खतरनाक बन गया है. निर्माण के कारण उड़ती धूल भी आवागमन में खतरे को बढ़ा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है