मुखिया अरुण सिंह हत्याकांड में दो अपराधी दोषी करार, साक्ष्य के अभाव में एक बरी
गोपालगंज. चर्चित मुखिया अरुण सिंह हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी. कोर्ट ने सीवान जिले के दरौली थाना क्षेत्र के अइनी गांव के रहने वाले विशुनदेव सिंह के पुत्र चंदन सिंह उर्फ हड्डी व हथुआ थाने के जैनन गांव के रामविलास यादव के पुत्र नागेंद्र यादव को दोषी करार दिया.
गोपालगंज. चर्चित मुखिया अरुण सिंह हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गयी. कोर्ट ने सीवान जिले के दरौली थाना क्षेत्र के अइनी गांव के रहने वाले विशुनदेव सिंह के पुत्र चंदन सिंह उर्फ हड्डी व हथुआ थाने के जैनन गांव के रामविलास यादव के पुत्र नागेंद्र यादव को दोषी करार दिया. वहीं एक आरोपित के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिलने के कारण मटिहानी माधो गांव के स्व उपेंद्र सिंह के पुत्र कौशल कुमार सिंह को बरी कर दिया. कोर्ट ने सजा के बिंदु पर फैसला को सुरक्षित कर लिया. इस चर्चित कांड में मंगलवार को कोर्ट का फैसला आयेगा. अभियोजन पक्ष अपर लोक अभियोजक जयराम साह व बचाव पक्ष के अधिवक्ता वरीय अधिवक्ता रामनाथ साहु व वशिष्ठ यादव की ओर से अपना-अपना साक्ष्य व सबूत को उपलब्ध कराया गया. पांच जून से इस कांड में स्पीडी ट्रायल शुरू हो गया था. मुखिया अरुण कुमार सिंह के हत्याकांड में सात लोगों ने गवाही दी. इसमें पत्नी अलका देवी ने गवाही के दौरान कोर्ट में मौजूद शूटर का कॉलर पकड़ कर पहचानते हुए कोर्ट से उसे फांसी देने की मांग की. एडीजे -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में ट्रायल शुरू होने के साथ ही अभियोजन पक्ष से जयराम प्रसाद ने कोर्ट को बताया कि कांड की चश्मदीद मृत मुखिया की पत्नी अल्का सिंह शूटर चंदन यादव को पहचान कर कोर्ट में फफक पड़ीं. कोर्ट ने चश्मदीद के बयान को कलमबद्ध कर दिया. मीरगंज थाना क्षेत्र के जिगना ढाले के पास अपने सर्विस सेंटर के पास बैठे 12 जनवरी 2020 की दोपहर 1.15 बजे मटिहनियां गोपाल गांव के रहने वाले तथा मटिहानी नैन पंचायत के मुखिया अरुण कुमार सिंह की हत्या हुई थी. एनएच-85 की दो बाइकों से पांच अपराधी आये. अंधाधुंध फायरिंग करने लगे. फायरिंग की आवाज सुनकर उनकी पत्नी अल्का सिंह बाहर निकलीं, तो देखी कि अरुण सिंह गोली लगने से गिर गये हैं. उनकी मौत हो गयी थी. उनके सामने से अपराधी भाग निकले. वह चिल्लाती रह गयीं.
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