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उत्तर बिहार में लॉरेंस का साम्राज्य बढ़ा रहा विकास झा उर्फ कालिया

गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई अपना साम्राज्य उत्तर बिहार में तेजी बढ़ा रहा है. लॉरेंस के साथ तिहाड़ जेल में बंद कालिया के जुड़ने की बात आ रही है. विकास झा उर्फ कालिया पिपुल्स लिबरेशन फ्रंट आर्मी का चीफ है और वह सीतामढ़ी का रहनेवाला है.

गोपालगंज. गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई अपना साम्राज्य उत्तर बिहार में तेजी बढ़ा रहा है. लॉरेंस के साथ तिहाड़ जेल में बंद कालिया के जुड़ने की बात आ रही है. विकास झा उर्फ कालिया पिपुल्स लिबरेशन फ्रंट आर्मी का चीफ है और वह सीतामढ़ी का रहनेवाला है. झारखंड में अमन साहू और बिहार में गैंगस्टर विकास झा उर्फ कालिया लॉरेंस के करीबी सहयोगी माने जा रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों की जांच में गिरफ्तार गुर्गों के पास से गैंगस्टरों से जुड़े कई साक्ष्य मिले हैं. गोपालगंज से लॉरेंस के आधा दर्जन से अधिक गुर्गों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है. पुलिस की कार्रवाई पर गौर करें, तो इसके पहले गोपालगंज में साल- 2022 में चार गुर्गों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. इसमें दिल्ली स्पेशल ब्रांच भी पूछताछ के लिए आयी थी. पिछले साल भी एक गुर्गे की गिरफ्तारी हुई. अभिनेता सलमान खान को धमकी मिलने के बाद पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर से भी लॉरेंस के गुर्गों की गिरफ्तारी हो चुकी है. बिश्नोई गैंग के गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद उसके साम्राज्य बढ़ानेवाले कालिया का नाम आया. कालिया कौन है, उसके बारे में कम ही लोग जानते हैं. विकास झा उर्फ कालिया का गैंग लॉरेंस विश्नोई के नाम पर पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीतामढ़ी और शिवहर इलाके के कम उम्र के लड़कों का ब्रेन वाश कर संगठन से जोड़ता है. विकास झा उर्फ कालिया यहां लॉरेंस का साम्राज्य क्यों बढ़ाना चाहता है. कम उम्र के लड़कों को संगठन से क्यों जोड़ रहा है, इन तमाम बिंदु पर सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं. साथ ही चार ग्लोक पिस्टल बिहार पहुंचने के बाद किन-किन लोगों तक सप्लाइ की जानी थी, झारखंड में अमन साहू गैंग तक हथियार कैसे पहुंचता, इस पर भी जांच चल रही है. गैंगस्टरों के गुर्गों ने इसके पहले भी हथियारों की तस्करी करने की बात कबूली है. सूत्रों की मानें, तो 2019 से तिहाड़ जेल में बंद कालिया से लॉरेंस के बीच बड़ी डील हुई, उसके बाद लॉरेंस ने कालिया की मदद से उत्तर बिहार के इलाके में साम्राज्य बढ़ाना शुरू कर दिया. विकास झा उर्फ कालिया बिहार का कुख्यात गैंगस्टर रह चुका है. एके-47 से कई बड़ी वारदात को अंजाम दे चुका है. सूत्र बताते हैं कि तिहाड़ जेल में जाने के बाद उसका लॉरेंस से संपर्क हो गया था. इधर, मलयेशिया में बैठे राजस्थान के कुख्यात मयंक सिंह उर्फ मीणा ने झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू से लॉरेंस को जोड़ दिया. अमन के लिए हथियार की सप्लाइ भी लॉरेंस के गुर्गों द्वारा की जा रही है, जिसका खुलासा बिहार पुलिस ने चार ग्लोक पिस्टल की बरामदगी के बाद किया है. पुलिस सूत्रों की मानें, तो अनुसंधान में जिन-जिन गैंगस्टरों के नाम आ रहे हैं, उन्हें रिमांड पर लेकर गोपालगंज पुलिस पूछताछ कर सकती है. मालूम हो कि बिहार पुलिस की रिकॉर्ड के मुताबिक विकास झा उर्फ कालिया सीतामढ़ी के बथनाहा थाने के पूर्वी टोला का निवासी है. किशोरावस्था से ही अपराध की दुनिया में है. उत्तर बिहार में पुलिस की नाकों में दम करने वाला पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट आर्मी के चीफ रहे संतोष झा का शूटर है. संतोष झा की 2015 में सीतामढ़ी कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या हो गयी. हत्या के बाद विकास झा ने गैंग को संभाला और चीफ बनकर दो दर्जन से अधिक हत्या की वारदातों को अंजाम देकर सुर्खियों में आया था. 26 दिसंबर, 2015 को दरभंगा के बहेड़ी थाना इलाके के एसएच-88 का निर्माण करा रही सी एंड सी/बीएससी ज्वाइंट वेंचर कंपनी के अभियंता मुकेश कुमार और ब्रजेश कुमार को एके-47 से भून डाला था. शिवहर के पुरनहिया थाना क्षेत्र के दोस्तियां गांव में अवधेश झा नामक स्कूल संचालक की हत्या और वर्ष 2016 में गैंगस्टर संतोष झा के चचेरे भाई संजय झा के घर से बरामद एके-56 के मामले में कालिया को भी आरोपित किया गया था. गोपालगंज में लॉरेंस से जुड़े गुर्गों के कनेक्शन की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि विकास झा उर्फ कालिया पुलिस की कस्टडी से तीन बार भाग चुका है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 15 साल की उम्र में ही उसे गांव के एक अंडा व्यवसायी सुरेश महतो की हत्या में पकड़ा गया. किशोरावस्था में हत्या के कारण उसको मुजफ्फरपुर बाल सुधार गृह भेजा गया, लेकिन वह वहां से भाग निकला. संतोष झा गैंग में शामिल होकर कई हत्या की वारदात को अंजाम दिया. 18 अगस्त, 2013 को एसटीएफ पटना की टीम ने नेपाल से विकास झा को गिरफ्तार किया था. हालांकि 3 फरवरी 2014 को पेशी के दौरान विकास झा कोर्ट परिसर से हथकड़ी के साथ फरार हो गया. दूसरी बार फरार होने पर उसने दरभंगा में डबल इंजीनियर हत्याकांड को अंजाम दिया. पुलिस ने विकास झा को 31 दिसंबर 2015 को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में कालिया को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनायी थी, लेकिन वह अगले साल अगस्त में बिहार के भागलपुर में पेशी के दौरान तीसरी बार पुलिस की आंखों में मिर्च झोंक कर फरार हो गया. चार साल बाद 2019 में दिल्ली से पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से तिहाड़ जेल में बंद है.

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