गोपालगंज. अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग संघ द्वारा शनिवार को शहर में सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें कई राज्यों से पहुंचे संघ के पदाधिकारियों, सामाजिक, बौद्धिक संगठनों के संचालकों, लेखकों, चिंतकों तथा महिलाओं ने भाग लिया. सबने एक एक स्वर में देश व प्रदेश में 65 प्रतिशत आरक्षण के नीतीश फॉर्मूला को बहाल करने की मांग उठायी. इससे पहले सम्मेलन की विधिवत शुरुआत अतिथियों द्वारा भारत व्यापी पिछड़ा वर्ग आंदोलन के सूत्रधार त्यागमूर्ति आरएल चंदापुरी के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर की गयी. सम्मेलन की अध्यक्षता संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष धनराज सिंह और पिछड़ा-अतिपिछड़ा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्र कुमार सिंह ने की. अध्यक्ष ने कहा कि मैं गैरबराबरी और असमानता को मिटाने इस यात्रा पर निकला हूं. आप सभी पिछड़े, अतिपिछड़े, गरीब, वंचितों को एकजुट करने आया हूं ताकि बिहार और देश में 65 प्रतिशत आरक्षण का नीतीश फॉर्मूला लागू हो सके. आजादी के बाद बिहार के परिचय को बदलने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है और रद्द आरक्षण कानून की वापसी को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हमारे सामाजिक न्याय, संवैधानिक मांगों व तर्कों पर खड़े रहने की ताकत अगर किसी में है, तो वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. आज हमारे समाज से ही आने वाले कुछ स्वार्थी व नवसामंतवादी नेताओं की वजह से हम जाति-उपजाति में बंट गये हैं, आज पिछड़ा वर्ग की अवधारणा ही वेंटिलेटर पर है जिसकी वजह से आज सभी क्षेत्रों में हमारी आबादी के अनुसार हिस्सेदारी सुनिश्चित नहीं हो पा रही है. कब तक भीख मांगते रहेंगे. हमें अब सड़कों पर उतरना होगा. मौके पर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सीएल गंगवार, शत्रुध्न सिंह साहू, राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष शांति शाह, डॉ एचपी सिंह, सुधीर कुमार पटेल, नवल किशोर गुप्ता , कृष्णनंदन साहू सहित कई लाेग थे.
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