हथुआ. प्रखंड के चैनपुर गांव में जर्जर सड़क को लेकर मतदाताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने रोड नहीं तो वोट नहीं के तहत प्रदर्शन किया. सूचना पर सीओ भोवेंद्र यादव, हथुआ इंस्पेक्टर राजेश कुमार चौधरी ने पहुंच कर मामले को शांत कराया. ग्रामीणों का आरोप था कि अंग्रेजों के जमाने से सड़क जर्जर स्थिति में है. वहीं चुनाव के समय प्रत्याशी सड़क बनाने का आश्वासन देते हैं, लेकिन सड़क बनाने की दिशा में कोई पहल नहीं की जाती है. वहीं मौके पर उपस्थित सीओ एवं इंस्पेक्टर ने आक्रोशित लोगों को समझाने का घंटों प्रयास किया. लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे. आक्रोशित ग्रामीणों का कहना था कि आजादी के बाद से चैनपुर गांव को उपेक्षित नजरों से देखा जा रहा है. विधायक, एमपी व राजनेता चैनपुर गांव को उपेक्षित नजरों से देखा करते हैं. जिसके कारण आज भी चैनपुर के ग्रामीण मतदाता नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. पांच हजार से अधिक जनसंख्या वाले चैनपुर गांव के ग्रामीणों को आज भी सुलभ सड़क अपने प्रखंड मुख्यालय या जिला मुख्यालय तक जाने के लिए नहीं है. चैनपुर गांव के दक्षिण सीवान जिले का सीमावर्ती क्षेत्र पड़ता है. तीन से चार किलोमीटर में गांव की आबादी है. गांव के दक्षिणी छोर से लेकर पचफेड़ा पंचायत के सिहोरवां उत्तर नहर पुल तक लगभग 5 किलोमीटर सड़क की हालत बदतर है. यह बताते चलें कि चार दिन पूर्व बूथ संख्या 237, बूथ संख्या 238, बूथ संख्या 239, बूथ संख्या 240 के लगभग 3500 से अधिक मतदाताओं ने सड़क की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. चैनपुर उत्तरी छोर से लेकर दक्षिणी छोर तक नारेबाजी करते हुए चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी थी. वहीं प्रशासन केचुनाव बाद सड़क बनाने के आश्वासन के बाद ग्रामीण शांत हुए. प्रदर्शन करने वाले ग्रामीणों में भवसागर शाही, ध्रुव शाही, अनेक शाही, प्रभुनाथ शाही, गौरी शंकर शाही, इकबाली यादव, पीयूष यादव, श्रीनाथ पांडेय, गणेश पांडेय, लालजी यादव, तूफानी मियां, रामप्रवेश यादव, सुदर्शन यादव आदि थे.
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