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गंडक नदी में नहीं घट रहा पानी का लेवल, कई जगहों पर कटाव का बढ़ा खतरा

गोपालगंज. वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज लेवल भले ही कम हो गया हो, लेकिन गोपालगंज में पानी का लेवल कई इलाकों में नहीं घटा है. बैकुंठपुर प्रखंड के शीतलपुर, डुमरिया, बरौली के सलेमपुर समेत कई इलाकों में गंडक नदी का पानी बढ़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 9, 2024 9:45 PM

गोपालगंज. वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज लेवल भले ही कम हो गया हो, लेकिन गोपालगंज में पानी का लेवल कई इलाकों में नहीं घटा है. बैकुंठपुर प्रखंड के शीतलपुर, डुमरिया, बरौली के सलेमपुर समेत कई इलाकों में गंडक नदी का पानी बढ़ रहा है. जल संसाधन विभाग के अनुसार, इन इलाकों में वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज पानी 35 से 40 घंटे के बाद पहुंचता है, इसलिए जल स्तर बढ़ रहा है. सदर एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार ने बैकुंठपुर प्रखंड के शीतलपुर समेत कई तटबंधों का निरीक्षण किया. तटबंधों पर कटाव का खतरा बढ़ा हुआ है. तटबंधों की निगरानी के लिए अभियंताओं की टीम लगातार कैंप कर रहे. विशंभरपुर, पतहरा, सलेमपुर में नदी का सीधा अटैक होने के कारण प्रशासन अलर्ट मोड में है. कुचायकोट प्रखंड के काला मटिहनिया, सिपाया, विशंभरपुर, सदर प्रखंड के जादोपुर विशुनपुर, राजवाही, मलाही टोला, मेहंदिया, जगिरी टोला, कमल चौधरी के टोला, रामनगर में जल स्तर में कमी आयी है. जल स्तर घटने के बाद कटाव का खतरा बढ़ गया है. लिहाजा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने तटबंधों की निगरानी बढ़ा दी है. जलस्तर घटने के बावजूद दियारा इलाके के लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है. सड़क संपर्क टूटने की वजह से नाव के सहारे दियारा इलाके के लोगों की जिंदगी कट रही है. गंडक नदी उफान पर है और डेंजर लेवल से 55 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. दियारा इलाके में सड़कों पर तीन से चार फुट पानी बह रहा है. रोजमर्रा का सामान खरीदने के लिए आने-जाने का एकमात्र सहारा नाव ही है. इलाके के लोग प्रशासन से सरकारी नाव का इंतजाम करने की मांग कर रहे हैं. सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र में पानी प्रवेश करने से बच्चों की पढ़ाई बाधित है. वहीं चापाकल डूब जाने से पीने के लिए लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है. खाने की सामग्री से लेकर माल-मवेशियों के चारे तक की संकट आ गया है. मांझा संवाददाता के अनुसार, गंडक नदी का जल स्तर बढ़ने से मांझा प्रखंड के दियारा इलाके के कई गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है. वहीं, गौसिया बेसिक स्कूल , सड़क, खेत में लगे फसल बाढ़ की पानी में डूब गया है. इससे आवागमन ठप हो गया है. विदित हो कि शनिवार को वाल्मीकिनगर बराज से 4 लाख 36 हजार 500 सौ क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गौसिया, निमुईया, भैसही, पुरैना पंचायत के निचले इलाके के गांवों में पानी घुस गया है. गांव में पानी आने से निमुईया, माघी मुगराहा, केरवनिया टोला, विशुनपुर, बलुआ टोला, महंत रावत के टोला गांव का आवागमन ठप हो गयी है. मंगलवार को गौसिया बेसिक स्कूल, अर्धनिर्मित पंचायत सरकार भवन, सड़क, खेत पूरी तरह पानी में डूब गया है. लेकिन अभी तक सरकारी स्तर पर नाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. बैकुंठपुर संवाददाता के अनुसार, गंडक नदी मंगलवार की सुबह दस बजे तक नदी का जल स्तर उफान पर रहा. 10 बजे के बाद जल स्तर में कमी आ रही है. दोपहर तक नदी के जलस्तर में दस सेंटीमीटर कमी आयी है. मुंजा मीटर गेज पर नदी का जल स्तर अब भी खतरे के लाल निशान से 70 सेंटीमीटर ऊपर है. पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर बराज से गंडक में छोड़ा गया 4.40 लाख क्यूसेक पानी गुजरने से जल स्तर में कमी आ रही है. संभावना जतायी जा रही है कि अगले दो दिनों में नदी का जल स्तर डेंजर प्वाइंट पर पहुंच जायेगा. गंडक नदी में पानी का बहाव तेजी से हो रहा है. गंगा नदी का जल स्तर खतरे के लाल निशान से नीचे रहने के कारण गंडक नदी का पानी आसानी से निकल रहा है. नेपाल के तराई क्षेत्र में बारिश कम होने की वजह से वाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में पानी छोड़े जाने की मात्रा भी लगातार काम हो रही है. हालांकि नेपाल के तराई क्षेत्र में 13 जुलाई के बाद भारी बारिश का अलर्ट घोषित किया गया है. जिला प्रशासन द्वारा गंडक नदी के तटवर्ती इलाके में रहने वाले ग्रामीणों को ऊंचे जगह पर जाने का निर्देश दिया गया है. वहीं पूर्व जिला पार्षद रवि रंजन कुमार उर्फ विजय बहादुर यादव ने सलेमपुर, आदमापुर, नरवार, शीतलपुर, पकहां, गम्हारी, बहरामपुर, उसरी, प्यारेपुर, मटियारी आदि पूर्व के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर सरकार प्रशासन से अलर्ट रहने व प्रभावित गांवों में खाद्य सामग्री तथा मेडिकल टीम सहित अन्य संसाधनों से लैस रहने की मांग की ताकि समय पर बाढ़ प्रभावित परिवार को सहायता मिल सके.

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