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चुनाव के पूर्व बिना मॉक पोल कराये वास्तविक मतदान नहीं होगा मान्य

छठे चरण के तहत 25 मई को गोपालगंज में होने वाली मतदान को लेकर पोलिंग पार्टियों को ट्रेनिंग दी गयी. लोकसभा चुनाव के मतदान को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन के द्वारा द्वितीय चरण की ट्रेनिंग का आयोजन किया गया है.

गोपालगंज. छठे चरण के तहत 25 मई को गोपालगंज में होने वाली मतदान को लेकर पोलिंग पार्टियों को ट्रेनिंग दी गयी. लोकसभा चुनाव के मतदान को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला प्रशासन के द्वारा द्वितीय चरण की ट्रेनिंग का आयोजन किया गया है. जिला निर्वाचन पदाधिकारी मो. मकसूद आलम ने बताया कि प्रशिक्षण जिला मुख्यालय के तीन प्रशिक्षण केंद्रों पर गत 14 मई से किया गया है. इसका समापन 16 मई गुरुवार को होगा. उन्होंने बताया कि एमएम उर्दू प्लस टू स्कूल में कुचायकोट व गोपालगंज विधानसभा के पोलिंग पार्टियों को ट्रेनिंग दी जा रही है जबकि डीएवी प्लस टू स्कूल में बैकुंठपुर और बरौली विधानसभा के पोलिंग पार्टियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. वहीं डीएवी पब्लिक स्कूल थावे में हथुआ व भोरे विधानसभा के पोलिंग पार्टियों को ट्रेनिंग दी गयी. सभी प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रथम पाली की ट्रेनिंग 10 बजे से लेकर एक बजे तक आयोजित की गयी, जबकि द्वितीय पाली की ट्रेनिंग दो बजे से लेकर पांच बजे तक आयोजित की गयी. मास्टर ट्रेनरों ने सभी मतदान पदाधिकारियों को बेहतर ढंग से ट्रेनिंग देते हुए उन्हें मतदान कार्य में पूर्ण रूप से सक्षम बनाया, ताकि मतदान तिथि को किसी भी मतदान दल के पदाधिकारी को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने पाये. मास्टर ट्रेनर दिलीप कुमार पटेल ने बताया कि बिना मॉक पोल के कराये गये वास्तविक मतदान मान्य नहीं होंगे. ऐसे में मतदान दल के पदाधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह मॉक पोल कराने के बाद ही वास्तविक मतदान की प्रक्रिया को शुरू करें. मॉक पोल वास्तविक मतदान के डेढ़ घंटे पूर्व ही कराया जाना है. मॉक पोल में 50 मत डाले जाते हैं, जिसे सभी मतदान अभिकर्ता को दिखाया भी जाता है. मतदान पदाधिकारी मतदान अभिकर्ता को पूर्ण रूप से विश्वास व पारदर्शिता दिखाकर ही वास्तविक मतदान की शुरुआत करेंगे. उन्होंने बताया कि मॉक पोल की शुरुआत के समय अगर कोई मतदान अभिकर्ता उपस्थित नहीं है, तो 15 मिनट तक प्रतीक्षा करने के बाद ही मतदान दल के अधिकारी मॉक पोल की प्रक्रिया को शुरू कर सकेंगे. मास्टर ट्रेनर ने ट्रेनिंग के क्रम में बताया कि पीठासीन पदाधिकारी को मतदान केंद्र पर पहुंचने वाले बुजुर्ग, दिव्यांग मतदाता व छोटे बच्चों वाली महिला मतदाताओं को प्राथमिकता देना है. उनका वोट अन्य मतदाताओं की तुलना में जल्द ही कराकर उन्हें मतदान केंद्र से वापस भेजा जाना है. इसके लिए मतदान केंद्र पर विशेष मतदाताओं के लिए अलग कतर होनी चाहिए.

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