टूरिस्ट वीजा पर वियतनाम और कंबोडिया जाकर चीन अपराधियों के हाथों बिक रहे युवा, एनआइए-साइबर पुलिस कर रही जांच

बिहार में कंप्यूटर प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं पर विदेश भेजने वाले एजेंटों की नजर है. विदेशों में नौकरी का झांसा देकर टूरिस्ट वीजा पर युवाओं को वियतनाम और कंबोडिया भेजा जा रहा है, जहां चीन और पाकिस्तान के साइबर अपराधियों द्वारा बंधक बनाकर ऑनलाइन स्कैम का गैरकानूनी कार्य कराया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 19, 2024 11:58 PM

गोपालगंज. बिहार में कंप्यूटर प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं पर विदेश भेजने वाले एजेंटों की नजर है. विदेशों में नौकरी का झांसा देकर टूरिस्ट वीजा पर युवाओं को वियतनाम और कंबोडिया भेजा जा रहा है, जहां चीन और पाकिस्तान के साइबर अपराधियों द्वारा बंधक बनाकर ऑनलाइन स्कैम का गैरकानूनी कार्य कराया जा रहा है. अलग-अलग शहरों से ऐसी शिकायतें लगातार मिलने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने जांच शुरू कर दी है. गोपालगंज में भी नगर थाने के बाद साइबर थाने में दूसरा केस दर्ज किया गया है. कंबोडिया के साइबर अपराधियों के चंगुल से बचकर वतन लौटे हथुआ थाने के हथुआ बाजार निवासी स्व. वीरेंद्र शर्मा के पुत्र शुभम कुमार ने साइबर थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराते हुए आपबीती कही. साइबर थाने की पुलिस अधिकारियों की टीम भी शुभम की कहानी सुनकर हैरान रह गयी. शुभम ने बताया कि हथुआ बाजार में स्व. राधाकिशुन सिंह के पुत्र अशोक सिंह और इसके पुत्र दीपक सिंह ने विदेश जाकर कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा दिया. इसके लिए डेढ़ लाख रुपये भी मांगे. परिवार की आर्थिक खराब होने के कारण शुभम ने अपने मामा उपेंद्र शर्मा से एक लाख 15 हजार रुपये लेकर अशोक सिंह के खाते में दिये और एजेंट अशोक सिंह ने 27 नवंबर 2023 को टूरिस्ट वीजा देकर कोलकाता एयरपोर्ट से वियतनाम भेज दिया. वियतनाम में एक अजनबी ने शुभम को रिसीव किया और उसने मुन्ना उर्फ आनंद सिंह नाम के एजेंट को सौंप दिया. यहां से शुभम को कंबोडिया में बिल्ला नाम के जगह पर ले जाया गया, जहां डीजी ग्रुप नाम की चल रही एक काली कोठरी में बंद कर चीनी साइबर अपराधियों को सौंप दिया गया, जहां पर पहले से बिहार के अलग-अलग जिलों के कई युवा फंसे हुए थे. यहां पर चीन और पाकिस्तान के साइबर अपराधियों के द्वारा शुभम कुमार से कंप्यूटर के जरिये भारतीय नागरिकों को ठगी का शिकार बनाने का काम सौंपा गया. विरोध करने पर एक कमरे में बंद कर इलेक्ट्रिक शॉक दिया गया. किसी तरह से शुभम ने इसकी सूचना अपने परिजनों काे दी. चीन के साइबर अपराधियों ने दो हजार डॉलर में शुभम को खरीदने की बात कही. इसके बाद पीड़ित के परिजनों ने एक लाख रुपये मुन्ना उर्फ आनंद सिंह के खाते में दिये और 18 हजार 500 रुपये का टिकट कराया, तब उसे वतन भेजा गया. इधर, साइबर थाने की पुलिस ने शुभम शर्मा के बयान पर हथुआ थाने के हथुआ बाजार निवासी अशोक सिंह, इसके पुत्र दीपक कुमार सिंह, अर्जुन सिंह, एजेंट मुन्ना सिंह उर्फ आनंद सिंह तथा अभिरंजन कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी. साइबर थाने की पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद छापेमारी शुरू कर दी है. हालांकि ये सभी आरोपित फरार बताये जा रहे हैं. गिरोह में शामिल अन्य एजेंट और साइबर अपराधियों की कुंडली को पुलिस खंगाल रही है. वहीं, साइबर डीएसपी अवंतिका दिलीप कुमार ने कहा कि पुलिस एक-एक बिंदु पर साक्ष्याें के आधार पर जांच कर रही है. ऐसे मामले में जांच कर कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

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