बिहार के गोपालगंज व्यवहार न्यायालय ने बरौली से भाजपा के विधायक एवं पूर्व मंत्री राम प्रवेश राय को आदर्श आचार संहिता मामले में दोषी माना है. कोर्ट ने विधायक को दोषी मानते हुए एक हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर भाजपा विधायक की तरफ से आर्थिक दंड नहीं दिया जाता है तो उन्हें 6 महीने की सजा हो सकती है.
विधायक ने 22 अक्टूबर को कोर्ट में किया था आत्मसमर्पण
व्यवहार न्यायालय में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने कार्रवाई करते हुए विधायक को यह सजा सुनाई है. इससे पहले भाजपा विधायक के ऊपर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में एक गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. मामले में वारंट जारी होने के बाद भाजपा विधायक रामप्रवेश राय ने 22 अक्टूबर को कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था. इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट में 5000 रुपये की राशि जमा की थी जिसके बाद उन्हें जमानत दी गई थी.
विधायक ने बीमार होने की दी दलील
कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपित विधायक रामप्रवेश राय ने कहा कि हुजूर मैं एक वरिष्ठ वृद्ध नागरिक हूं और यह मेरा पहला अपराध है. मैं भविष्य में किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होऊंगा. विधायक ने कोर्ट से माफी मांगते हुए कहा कि इस प्रथम अपराध पर सहानुभूति पूर्वक व दया पूर्वक विचार करते हुए मुझे माफ कर दिया जाए. लेकिन अभियोजन पदाधिकारी के सामने विधायक की यह दलील नहीं चली.
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6 महीने की हो सकती है कारावास
चुनाव के दौरान इसी आचार संहिता उल्लंघन के मामले में आज 9 नवंबर को मानवेंद्र मिश्रा की कोर्ट ने उन पर एक बार फिर से सुनवाई करते हुए एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही कोर्ट ने हिदायत दी है कि अगर वह जुर्माने की राशि सही वक्त पर नहीं भरते हैं तो उन्हें 6 महीने की कारावास हो सकती है. विधायक पर चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज है.