गोपालगंज से बड़ी खबर सामने आ रही है. सोनी पांच महीने पहले अपने पिता के घर से डोली में विदा हुई थी. वह चार माह की गर्भवती थी. कुछ ही दिनों बाद वह मां बनने वाली थी. मगर उसे नहीं पता था कि जिसने सिंदूर से मांग सजाया, वहीं उसे मार डालेगा. जिस आंगन में वह डोली से जा रही है, उसी आंगन से पांच महीने बाद उसकी लाश अर्थी पर आएगी. देखिए इस रिपोर्ट में दहेज के कूचक्र ने कैसे एक बेटी की जान ले लिया.
शादी की मंडल पर सोलह श्रृंगार में लाल जोड़े में दिख रही इस महिला का नाम सोनी देवी है. महज पांच महीने पहले अपने पिता के घर से जिंदगी के नये सफर पर सोनी निकली थी. अपने पति के साथ दिल में कई सपने संजोये थी. मां ने बेटी को गले लगाकर नम आंखों से विदा किया था, लेकिन कूदरत को कुछ और ही मंजूर था. ईश्वर ने तो सिर्फ इंसान बनाया. लेकिन वही इंसान कागज के चंद टूकड़ों के खातिर हैवान बन जाता है. उनकी मानसिकता कागज के चंद टुकड़ों के लिए हैवान बना देती है.
ये एक लाचार मां की करुण पुकार है. जिसे सुनकर मन भरा जा रहा है. जिस बेटी को ये अपने गर्भ में 9 महीने तक रखी. उसे पाला-पोशा. काबिल बनाया और फिर बड़े ही अरमानों से अपनी परी की शादी की. ये जानकर कि जिस लाड से मैने उसे पाला है उतने ही प्यार से ये अपने ससुराल में रहेगी. मगर दहेज के दानवों ने कागज के चंद टुकड़ों के खातिर बेरहमी से पिटाई किया, फिर रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी. वारदात के बाद परिजनों को फोन खबर दी, उसके बाद सभी फरार हो गए.
गोपालगंज के जादोपुर थाने के बाबू विशुनपुर गांव निवासी दूधनाथ साह की पुत्री सोपी देवी की शादी 9 मई 2022 को नगर थाने के कोन्हवा गांव निवासी राधेश्याम साह के पुत्र बिजेंद्र साह के साथ हुई थी. परिवार ने हैसियत के अनुसार सामान और शादी की खर्च के लिए नगद पैसे भी दिया था. लेकिन दहेज रूपी दानवों ने दहेज की डेढ़ लाख और नगद की मांग को लेकर प्रताड़ित करने का सिलसिला शुरू कर दिया. सोनी को मायके बात करने के लिए मोबाइल फोन तक छिनकर रख लिया गया. इस बीच 4 अक्टूबर की रात के 12 बजे सोनी का पति बिजेंद्र साह ने ससुराल फोन कर हत्या की खबर दी. उसके बाद सभी फरार हो गए. घटना की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आरोपी सास तीजा देवी को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है.
सोनी कोई पहली बेटी या बहू नहीं है, जिसकी कागज के चंद टुकड़ों के लिए गला घोंट दी गयी हो. ऐसी कई बेटियां जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहीं हैं और दहेज दानव उनका गला घोंट रहे हैं. ऐसे में जरूरत है कि दहेज रूपी दानवों को सजा देने की. बेटियों को काल के कूचक्र से बाहर निकलने की. समाज को आइना दिखाने की. ताकि फिर कोई सोनी ऐसे मौत से न हारे.