पटना. बिहार के सभी सरकारी एवं निजी कार्यालयों, संस्थानों में आंतरिक समिति का गठन किया जायेगा. ऐसा नहीं करने वाले संस्थानों व कार्यालयों को 50 हजार का जुर्माना देना होगा. महिला एवं बाल विकास निगम ने जिलों को इससे संबंधित निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी सरकारी एवं निजी संस्थान जहां 10 से अधिक लोग एक साथ काम करते हैं. वहां आंतरिक समिति का गठन अनिवार्य रूप से किया जाये. किसी संस्थान में उत्पीड़न का मामला आने के बाद वह मामला सीधे आयोग या कहीं और पहुंचता है, तो आंतरिक समिति की प्रशासनिक जांच होगी. समिति नहीं रहने पर संबंधित संस्थान पर जुर्माना लगाया जायेगा.
समिति में आधे से अधिक होगी महिलाओं की संख्या
निगम के मुताबिक कार्य स्थल पर महिला उत्पीड़न मामले में शिकायत सुनने के लिए आंतरिक समिति का गठन जरूरी है. समिति में महिलाओं की संख्या आधे से अधिक रहेगी. इसमें एक पुरुष को भी रखना अनिवार्य होगा. समिति सभी उत्पीड़न मामले में शिकायत सुनेगी और न्याय करेगी. समिति में एक अध्यक्ष व तीन सदस्य होंगे.
सभी संस्थानों को अपने वेबसाइट व ऑफिस बोर्ड पर लगाना होगा नाम
आंतरिक समिति के गठन होने के बाद सरकारी व निजी संस्थानों को अपने वेबसाइट व ऑफिस बोर्ड पर सदस्यों के नाम को अंकित करना होगा, जिसमें नाम के आगे मोबाइल नंबर भी रखना अनिवार्य है. शिकायत पहुंचने के बाद इन सदस्यों को तुरंत महिला से इस मामले में जानकारी लेकर संबंधित मामलों की छानबीन शुरू करनी होगी.
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